• मायावती की राजनीति से भाजपा को फायदा

    बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती आखिरकार प्रचार में उतरीं। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश से प्रचार शुरू किया, जो उनकी पार्टी का पुराना गढ़ रहा है। उन्होंने प्रचार में उतरते ही अपने को मुसलमानों का सबसे बड़ा हितैषी बताया और भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा मुसलमानों पर अत्याचार कर रही है और समाजवादी पार्टी इस पर कुछ नहीं बोल रही है। उनके भतीजे और उनके उत्तराधिकारी आकाश आनंद भी इसी लाइन पर भाषण दे रहे हैं। इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम मतदाताओं में कंफ्यूजन बनेगा। इतना ही नहीं मायावती ने अपनी पार्टी से 11 मुस्लिम उम्मीदवार...

  • आप का फोकस अपनी सीटों पर

    राजधानी दिल्ली में क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ता मिल कर चुनाव लड़ेंगे? अभी तक ऐसा नहीं दिख रहा है। अभी आम आदमी पार्टी का फोकस अपने कोटे की चार सीटों पर है। अरविंद केजरीवाल की पार्टी नई दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली पर लड़ रही है। उसका फोकस इन्हीं चार सीटों पर है। इनके अलावा कांग्रेस कोटे में उत्तर पूर्वी दिल्ली, चांदनी चौक और उत्तर पश्चिमी दिल्ली सीट है, जिस पर कांग्रेस ने चार दिन पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा की है। कांग्रेस के उम्मीदवारों की घोषणा के बाद लग रहा था कि दोनों...

  • दिलीप रे को भाजपा ने टिकट दे दिया

    पिछले कुछ दिनों से इसका इंतजार हो रहा था कि दिलीप रे चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं और जब दिल्ली हाई कोर्ट ने उनको राहत दे दी और उनकी सजा पर रोक लगा दी तो इस बाद का इंतजार हो रहा था कि भाजपा उनको टिकट देती है या नहीं है। यह इंतजार इसलिए हो रहा था क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मी बहुत जोर शोर से भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे थे और कह रहे थे कि भ्रष्टाचारियों को वे छोड़ेंगे नहीं। अब इंतजार खत्म हो गया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के बीच भाजपा ने दिलीप रे को ओडिशा...

  • हिमाचल में कांग्रेस का बड़ा दांव

    कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में बड़ा जोखिम लिया है। उसने अपने दो विधायकों को लोकसभा चुनाव में उतार दिया है। सोचें, 68 सदस्यों की विधानसभा में कांग्रेस के पास अभी सिर्फ 34 विधायक हैं। यानी बहुमत से एक कम। फिर भी पार्टी दो विधायकों को लोकसभा का चुनाव लड़ा रही है। ध्यान रहे राज्य विधानसभा में कांग्रेस के छह विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था। कांग्रेस की शिकायत पर विधानसभा स्पीकर ने उनकी सदस्यता समाप्त कर दी थी। उनकी खाली हुई सभी छह सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। इसके अलावा राज्यसभा...

  • तेजस्वी ने सबसे तेज फेंक दिया!

    चुनाव के समय पार्टियों में इस बात की होड़ मची रहती है कि कौन कितना ज्यादा फेंक सकता है। यानी कौन कितना बड़ा वादा कर सकता है या कितना बड़ा झूठ बोल सकता है। इन दिनों स्थिति ऐसी है कि पार्टियां मतदाताओं को चांद तारे तोड़ कर लाने का वादा भी कर सकती हैं। इसी तरह का एक वादा बिहार में राजद के नेता तेजस्वी यादव ने किया है। उन्होंने अपनी पार्टी के घोषणापत्र में कहा है कि उनकी सरकार बनी तो गरीब बहनों को हर साल एक लाख रुपए दिए जाएंगे। पहले तो उन्होंने कहा कि हर गरीब महिला...

  • विपक्ष का साझा घोषणापत्र भी जारी होगा

    विपक्षी गठबंधन यानी ‘इंडिया’ की पार्टियां इतने से संतुष्ट नहीं हैं कि वे अपना अपना घोषणापत्र जारी कर रही हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन यानी एनडीए में तो किसी सहयोगी दल को अपना घोषणापत्र जारी करने की इजाजत नहीं है। सबकी ओर से भाजपा का ही घोषणापत्र जारी हुआ है, जिसे मोदी की गारंटी नाम दिया गया है। इसके उलट विपक्षी पार्टियां अपना अपना घोषणापत्र जारी कर रही हैं। कांग्रेस के अलावा राजद, डीएमके, सपा आदि सबने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी और...

  • दिल्ली के प्रवासी मतदाता क्या करेंगे?

    पिछले दो तीन दशक में दिल्ली के प्रवासियों की संख्या में अच्छा खासा इजाफा हुआ है और उसी अनुपात में दिल्ली में प्रवासी मतदाताओं की संख्या भी बढ़ी है। पहले कांग्रेस प्रवासियों की पसंदीदा पार्टी मानी जाती थी और भाजपा को दिल्ली के पंजाबी और वैश्यों की पार्टी माना जाता था। परंतु अरविंद केजरीवाल ने सारा खेल बदल दिया। उन्होंने प्रतीकात्मक राजनीति की बजाय खुल कर प्रवासियों को टिकट दी और उनके झोली भर कर वोट मिला। भाजपा ने इस राजनीति को समझते हुए ही 2014 में भोजपुरी गायक मनोज तिवारी को उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से टिकट दिया और...

  • कन्हैया को मिली है मुश्किल सीट

    राजधानी दिल्ली में अभी तक मुकाबला बहुत दिलचस्प नहीं दिख रहा था क्योंकि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की हवा नहीं बन रही थी। ऐसा लग रहा था कि भाजपा अपना गढ़ बचा लेगी और सभी सीटें जीतने की हैट्रिक लगाएगी। लेकिन कांग्रेस के तीन उम्मीदवार आते ही माहौल बदल गया है। कांग्रेस ने गठबंधन की ओर से कन्हैया कुमार को उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से उम्मीदवार बनाया है। अगर पिछले लोकसभा चुनाव के आंकड़े देखें तो उस हिसाब से यह गठबंधन की सबसे मुश्किल सीट है। पिछली बार इस सीट से कांग्रेस की टिकट पर शीला दीक्षित चुनाव लड़ी...

  • लालू प्रसाद को यादवों से ही समस्या

    राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद बिहार में कांग्रेस और लेफ्ट के साथ तालमेल में 23 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं और इनमें से नौ सीटों पर उन्होंने यादव उम्मीदवार उतारे हैं। बिहार में यादवों की आबादी 14 फीसदी है लेकिन लालू प्रसाद ने 40 फीसदी उम्मीदवार यादव उतारे हैं। इसके बावजूद उनको यादव मतदाताओं से ही समस्या झेलनी पड़ रही है। वैसे भी लोकसभा चुनाव में यादव मतदाता उस तरह से राजद के साथ नहीं जुड़ते हैं, जैसे विधानसभा में जुड़ते हैं। लोकसभा में उनका वोट भाजपा को भी जाता है तभी भाजपा और जदयू के सभी...

  • बड़े मुद्दों की चुनावी चर्चा कम

    यह हैरान करने वाली बात है लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार में ऐसे कई बड़े मुद्दे नदारद हैं, जिनके बारे में माना जा रहा था कि ये चुनाव में बड़ा मुद्दा बनेंगे। जमीनी स्तर पर रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों की मानें तो ज्यादातर बड़े मुद्दे गायब हैं। लोग उन पर चर्चा नहीं कर रहे हैं। मिसाल के तौर पर पर अनुच्छेद 370 का मामला है। पांच साल पहले केंद्र सरकार ने इसे समाप्त किया था तो लग रहा था कि यह बड़ा भावनात्मक मुद्दा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी वजह से भाजपा को 370 सीट मिलने का दावा...

  • चार सौ सीट के जाल में उलझा विपक्ष

    विपक्षी पार्टियां लोकसभा चुनाव 2024 में चार सौ सीट के जाल में उलझ गई है। ऐसा लग रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जान बूझकर यह जुमला बोला था। उन्होंने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त करने के बहाने भाजपा को 370 सीट मिलने का दावा किया और साथ ही इसका ढिंढोरा पीटना शुरू कर दिया कि इस बार के चुनाव में एनडीए को चार सौ से ज्यादा सीटें मिलेंगी। यह बहुत कमाल का संयोग हुआ कि इस साल वोटों की गिनती चार जून को होगी, जिसकी वजह से प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पार्टी के नेता यह नारा दे...

  • पूर्णिया, बांसवाड़ा में कांग्रेस क्या करेगी?

    कांग्रेस पार्टी को कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों की बगावत का सामना करना पड़ रहा है। उसने जो सीटें सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ दी हैं उन सीटों पर भी उसके नेता चुनाव लड़ रहे हैं और नाम वापस नहीं लिया है। राजस्थान की बांसवाड़ा सीट पर सबसे दिलचस्प स्थिति है, जहां कांग्रेस ने अरविंद डामोर को अपना उम्मीदवार घोषित किया था और उन्होंने नामांकन दाखिल कर दिया था। बाद में कांग्रेस और भारतीय आदिवासी पार्टी के बीच तालमेल हो गया और कांग्रेस ने यह सीट सहयोगी पार्टी के राजकुमार रौत के लिए छोड़ दी। पार्टी ने अरविंद डामोर को...

  • रामनवमी के नाम पर वोट की अपील

    अयोध्या में राममंदिर का निर्माण होने और रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली रामनवमी आ रही है। भारतीय जनता पार्टी इसे बड़ा आयोजन बना रही है। दूसरी खास बात यह है कि रामनवमी के दिन ही पहले चरण के लिए प्रचार समाप्त होगा और दो दिन के बाद यानी 19 अप्रैल को 102 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। तीसरी बात यह है कि बिहार, झारखंड से लेकर उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक में कई इलाके ऐसे हैं, जहां रामनवमी के मौके पर हिंसक झड़प होती है या शांति भंग होती है। जुलूस की वजह से कई जगह...

  • आकाश आनंद, मायावती को नगीना की चिंता

    बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती और उनके घोषित उत्तराधिकारी आकाश आनंद को उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से सिर्फ एक सीट की चिंता सता रही है और वह सीट है नगीना की सुरक्षित सीट। इस सीट से ज्यादा अहम वहां से लड़ रहे चंद्रशेखर आजाद हैं। वे अपनी आजाद समाज  पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं। पहले कहा जा रहा था कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों उनका समर्थन करेंगे। लेकिन बाद में समाजवादी पार्टी ने वहां से मनोज कुमार को उम्मीदवार बना दिया। भारतीय जनता पार्टी ने भी ओम कुमार को उम्मीदवार बनाया है।...

  • दिल्ली में सिर्फ केजरीवाल का मुद्दा

    दिल्ली में कांग्रेस पार्टी ने अपने कोटे के उम्मीदवारों के नाम तय नहीं किए हैं। आम आदमी पार्टी के कोटे के चारों उम्मीदवारों के नाम तय हो गए है और वे प्रचार भी कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी चाहती है कि कांग्रेस जल्दी अपने उम्मीदवारों की घोषणा करे ताकि साझा प्रचार हो सके। इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से उनकी पार्टी को एक मुद्दा मिल गया है। अब कांग्रेस हो या आप या भारतीय जनता पार्टी हो सबका मुद्दा सिर्फ अरविंद केजरीवाल हैं। अब दिल्ली में किसी दूसरे मुद्दे की चर्चा नहीं हो रही है। कांग्रेस अध्यक्ष...

  • प्रियंका प्रचार में क्यों नहीं जा रही हैं

    कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा बिना विभाग के महासचिव हैं। महीनों से वे बिना विभाग के हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे ने जितने महासचिव बनाए सबको काम बांट दिए गए लेकिन प्रियंका को कोई काम नहीं दिया गया। तो ऐसा लग रहा है कि वे कोई काम भी नहीं कर रही हैं। वैसे पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में उन्होंने प्रचार में खूब भागदौड़ की थी और चुनावी रैलियां की थीं लेकिन हिंदी पट्टी के सभी राज्यों में कांग्रेस के हारने के बाद वे घर बैठ गईं। लोकसभा चुनाव के लिए वे अभी तक प्रचार के लिए नहीं निकली हैं। वे दिल्ली...

  • भाजपा का शुरू मुस्लिम,आंतक राग

    पहले चरण के मतदान के लिए प्रचार बंद होने से 10 दिन पहले भाजपा का चुनाव उन असली मुद्दों पर लौट आया है, जिन पर वह दशकों से चुनाव लड़ती रही है। इसके अलावा नए मुद्दे भी हैं लेकिन जिन मुद्दों पर उसने अपना वोट आधार बनाया है और ध्रुवीकरण की राजनीति की है वे सारे मुद्दे उठाए जाने लगे हैं। अब प्रचार में पाकिस्तान की भी एंट्री हो गई है, मुस्लिम लीग की भी एंट्री हो गई है, तीन तलाक, इटैलियन मानसिकता, राम मंदिर, भारत में घर में घुस कर मारता है, आतंकवादियों को मारने सीमा पार चले जाएंगे...

  • चुनाव बाद नीतीश निपटेंगे

    बिहार में भाजपा और जनता दल यू का गठबंधन बन गया है, जिसमें चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी भी है और उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी भी हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से बिहार के जो नेता नीतीश के सबसे करीब रहे वे निपट गए। उनको एनडीए में जगह नहीं मिली। इसके उलट जो विरोधी थे, उनको ज्यादा सीट देकर भाजपा ने गठबंधन में शामिल कराया। इससे एनडीए के भीतर का समीकरण भी उलझने की संभावना है और वोट का गणित भी कुछ हद तक बिगड़ता दिख रहा है। विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश सहनी को नीतीश...

  • कांग्रेस की देरी से पार्टी का नुकसान

    कांग्रेस पार्टी किश्तों में उम्मीदवारों की घोषणा कर रही है। पार्टी के नेता आराम से बैठे हैं। कई राज्यों में तो छंटनी समिति की बैठक हो गई और उसके बाद उसकी बनाई सूची को लेकर केंद्रीय चुनाव समिति के नेताओं की भी बैठक हो गई लेकिन सूची वापस कर दी गई और नए सिरे से विचार करने को कहा गया। सवाल है कि कांग्रेस ने विपक्ष में रह कर चुनाव की क्या तैयारी की थी? राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा कर रहे थे लेकिन बाकी नेता क्या कर रहे थे? उन्होंने क्या सर्वे कराया था, जमीनी फीडबैक मंगाई थी,...

  • सपा ने छह उम्मीदवार बदल दिए

    समाजवादी पार्टी ने चुनाव की घोषणा से पहले जब लोकसभा के उम्मीदवारों के नाम का ऐलान शुरू किया तो सबको बड़ी हैरानी हुई थी। ऐसा लगा था जैसे सपा बहुत सोच समझ कर काम कर रही है और उसने पहले से तैयारी की थी इसलिए उम्मीदवारों के नाम पहले घोषित कर रही है। लेकिन जैसे जैसे चुनाव आगे बढ़ा वैसे वैसे सपा ने उम्मीदवार बदलने शुरू कर दिए। उसने 45 के करीब उम्मीदवार घोषित किए हैं, जिनमें से छह सीटों पर उम्मीदवार बदला गया है। एक सीट पर तो दूसरी बार उम्मीदवार बदलने की स्थिति दिख रही है। समाजवादी पार्टी...

और लोड करें