nayaindia West bengal politics अभिषेक बनर्जी को अभी इंतजार करना होगा
Politics

अभिषेक बनर्जी को अभी इंतजार करना होगा

ByNI Political,
Share

तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी खुद कोई बयान नहीं दे रही हैं लेकिन उनके करीबी नेताओं ने बहुत साफ शब्दों में स्पष्ट कर दिया है कि ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी को पार्टी की कमान और राज्य की कमान संभालने के लिए अभी इंतजार करना होगा। पार्टी के अंदर अभिषेक बनर्जी के नाम पर सहमति नहीं बन रही है। पुराने सारे नेता पार्टी के भविष्य की दुहाई देकर ममता बनर्जी के पीछे गोलबंद हो रहे हैं। हालांकि खुद अभिषेक ने पार्टी सुप्रीमो या पश्चिम बंगाल का मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर नहीं की है और न इस तरह का प्रयास किया है लेकिन कई युवा नेता इसकी मांग करते हैं। वे चाहते हैं कि ममता बनर्जी समय रहते नेतृत्व में बदलाव करें और अभिषेक को कमान सौंपे। गौरतलब है कि अभिषेक अभी लोकसभा के सांसद हैं और पार्टी के महासचिव हैं। आधिकारिक रूप से उनका दर्जा नंबर दो का है। सभी राज्यों में प्रादेशिक क्षत्रपों ने इसी तरह से अपने उत्तराधिकारियों को आगे किया था।

जानकार सूत्रों का कहना है कि ममता बनर्जी के यहां पुराने नेता बाकी राज्यों की प्रादेशिक पार्टियों के मुकाबले ज्यादा मजबूत हैं। अधिकतर पुराने नेता कांग्रेस पार्टी में ममता बनर्जी के साथ थे या उनसे सीनियर थे। दूसरे उन सभी नेताओं के लिए पश्चिम बंगाल में विकल्प मौजूद है। कांग्रेस और कम्युनिस्ट दोनों पार्टियां हैं और ऊपर से भाजपा का भी विकल्प है। तृणमूल कांग्रेस के पुराने नेता इसलिए भी आशंकित हैं क्योंकि अभिषेक और उनके समर्थक बहुत आक्रामक राजनीति करते हैं और अगर अभिषेक को कमान मिलती है तो सभी पुराने नेताओं की छुट्टी होगी। तभी पिछले दिनों पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने कहा है कि अगला चुनाव ममता बनर्जी के चेहरे पर लड़ा जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा होगा तो निश्चित रूप से अभिषेक बनर्जी पीछे नहीं हटेंगे। इस बयान का समर्थन करते हुए पार्टी के एक और पुराने नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि बिना ममता बनर्जी के पार्टी का कोई अस्तित्व नहीं है। इसके बाद अभिषेक के करीबी कुणाल घोष ने पलटवार किया और कहा कि जान बूझकर अभिषेक की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि कई पुराने नेता मान रहे है कि लोकसभा चुनाव से पहले इस तरह के विवाद से पार्टी को नुकसान हो सकता है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें

Naya India स्क्रॉल करें