झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस हफ्ते गिरफ्तार हो सकते हैं। रांची जमीन घोटाले से जुड़े मामले में केंद्रीय एजेंसी ईडी ने उनको सातवां समन भेजा था तो साफ तौर पर कहा था कि वे दो दिन में बताएं कि उनसे कहां और कब पूछताछ की जाए। इससे पहले छह समन भेज कर एजेंसी ने उनको अपने कार्यालय में आने को लिए कहा था। लेकिन सातवें समन में उनसे समय और स्थान बताने को कहा था। मुख्यमंत्री की ओर से ईडी को जवाब देने की बजाय आगे की इमरजेंसी योजना बनाई जाने लगी है। बताया जा रहा है कि अगर उनके गिरफ्तार होने की नौबत आती है तो वे बिहार के लालू प्रसाद मॉडल पर अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाएंगे। उनकी पत्नी अभी विधायक नहीं हैं। इसलिए हेमंत सोरेन ने उनके लड़ने के लिए विधानसभा सीट तलाश ली है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता सरफराज अहमद का उनकी विधानसभा सीट से इस्तीफा करा दिया गया है। वे पहले कांग्रेस में थे लेकिन पिछली बार जेएमएम की टिकट पर गांडेय सीट से चुनाव जीते थे। उन्होंने विधानसभा स्पीकर रविंद्र नाथ महतो से मिल कर अपना इस्तीफा सौंप दिया है। अगर हेमंत सोरेन गिरफ्तार होते हैं तो उनकी पत्नी मुख्यमंत्री बनेंगी और गांडेय सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी। हेमंत के पिता शिबू सोरेन भी मुख्यमंत्री बनने के बाद विधानसभा का उपचुनाव लड़े थे और हार गए थे। तभी इस बार हेमंत ने सीट चुनने में कोई गलती नहीं की है। मुस्लिम और आदिवासी बहुल गांडेय सीट पर कल्पना सोरेन की लड़ाई आसानी होगी।
उनके लिए कोई आरक्षित सीट इसलिए नहीं चुनी गई क्योंकि वे ओडिशा की हैं और आदिवासी सीट से उनके चुनाव को चुनौती दी जा सकती थी। हालांकि वे ओडिशा की संथाल आदिवासी ही हैं लेकिन यहां भी सावधानी बरती गई। क्योंकि कई लोगों ने पहले ही कहना शुरू कर दिया था कि उनकी जाति झारखंड में अधिसूचित नहीं है। पहले यह भी चर्चा था कि कल्पना सोरेन गिरिडीह सीट से लड़ सकती हैं। लेकिन वहां एक अन्य संथाल आदिवासी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी चुनाव हार चुके हैं। इसलिए हेमंत सोरेन ने जोखिम नहीं लिया।
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