अयोध्या में बाईस जनवरी का वह दिन!
जैसे-जैसे जश्न का दिन नज़दीक आता जा रहा था, मुझे समझ आने लगा कि 6 दिसंबर 1992 क्यों और कैसे हुआ होगा? मैंने बाईस जनवरी को आस्था की ताकत देखी, विश्वास का जोश देखा और देखी एक व्यक्ति और उसके आन्दोलन के प्रति अंधभक्ति। अगर आपके मन में रत्ती भर संदेह भी हो तो उसे निकाल फेंके। बात बाईस जनवरी की है।मैं तब अयोध्या में थी। और वहां मैंने देखा हिन्दुओं की एकता, राम की भव्यता और आस्था का वह भावातिरेक जिसे आपड्राइंग रूम में टीवी के आगे बैठकर या इन्स्टाग्राम पर तस्वीरों को देखकर महसूस नहीं कर सकते। संदेह...