Election

  • चुनाव में अब मुद्दे की बात होनी चाहिए: तेजस्वी यादव

    पटना। बिहार विधान सभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सोमवार को कहा कि चुनाव में अब मुद्दे की बात होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जिस तरह से काम कर रहे हैं, उससे तो लगता है कि 400 तो दूर की बात, भाजपा 100 भी पार नहीं कर पाएगी। Tejashwi Yadav राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सोमवार को सोशल मीडिया (Social Media) हैंडल एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा मोदी जी लगातार 400 पार की बात करते हैं, लेकिन वे न नौकरी की बात करते हैं,...

  • चरमरा रहा है लोकतंत्र

    आम अनुभव यही है कि लिबरल डेमोक्रेसी के अंदर नीतिगत आधार पर मौजूद वास्तविक विकल्पों का अभाव बढ़ता चला गया है। नतीजा यह है कि ऐसे नेताओं और दलों के लिए रास्ता खुल गया है, जो जनता के बीच उत्तेजना फैलाने में माहिर हैं। विश्व मीडिया में 2024 को चुनावों का साल बताया गया है। इस वर्ष तकरीबन 60 देशों में किसी ना किसी स्तर के चुनाव होने हैं। शुरुआत बांग्लादेश में सात जनवरी को होने वाले संसदीय चुनाव होगी। लेकिन असल में वहां मतदाताओं के सामने चुनने के लिए कोई सार्थक विकल्प नहीं है। चूंकि प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद...

  • नेता बेवकूफ हैं या जनता?

    मोदी राज ने 140 करोड़ लोगों में हिंदुओं की उस आबादी को मूर्ख बनाया है जो धर्मपरायण और मूर्ति दर्शन, भजन, सत्संग, कथा-कहानी की पीढ़ीगत आस्था में जिंदगी गुजारती आई है! इन सबके दिल-दिमाग में अपने को पैठा कर वह कंपीटिशन पैदा कराया है, जिससे राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल याकि गैर-भाजपाई पार्टियों की मजबूरी है जो वे भी लोगों को बेवकूफ बनाने, अंधविश्वासी बनाने के काम करें। तभी चुनाव अब बेवकूफ बनाने का उत्सव है। इस सप्ताह ‘पनौती’ जुमले का जैसा देशव्यापी हल्ला बना वह लोगों की समझ और अंधविश्वासों का पीक है। इससे क्या साबित है? नेता और मतदाता...

  • पांच खरब डॉलर और पांच किलो अनाज!

    भारतीय राजनीति का यह ‘टके सेर भाजी, टके सेर खाजा’ वाला काल है। इसमें एक सांस में देश को पांच खरब डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाने का दावा किया जाता है और उसी सांस में 80 करोड़ लोगों को पांच किलो अनाज देने की घोषणा भी की जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया है कि अपने तीसरे कार्यकाल में वे भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बना देंगे। दावा किया गया है कि 2027 तक भारत की अर्थव्यवस्था का आकार पांच ट्रिलियन डॉलर का हो जाएगा। उस समय भारत के आगे सिर्फ अमेरिका और चीन...

  • लाभार्थी मतदाताओं की अकथ कहानी

    भारत में हमेशा मतदाताओं को कई समूह रहे हैं। अलग अलग पार्टियां अलग अलग समूहों को टारगेट करती हैं। अल्पसंख्यक मतदाताओं का एक बड़ा समूह है, जिसके तुष्टिकरण का आरोप लगा कर भाजपा ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया। हिंदुत्व का एक मतदाता समूह है, जो पहले भारतीय जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी, शिव सेना आदि पार्टियों के साथ रहता है। पिछड़ी जातियों का एक समूह है, जो मंडल की राजनीति के बाद प्रादेशिक समाजवादी पार्टियों के साथ रहता है तो दलित जातियों का एक मतदाता समूह है, जो पहले कांग्रेस के साथ जाता था और फिर...

  • प्रदेश में हाई प्रोफाइल वर्सेस लो प्रोफाइल चुनाव

    भारत में हमेशा मतदाताओं को कई समूह रहे हैं। अलग अलग पार्टियां अलग अलग समूहों को टारगेट करती हैं। अल्पसंख्यक मतदाताओं का एक बड़ा समूह है, जिसके तुष्टिकरण का आरोप लगा कर भाजपा ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया। हिंदुत्व का एक मतदाता समूह है, जो पहले भारतीय जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी, शिव सेना आदि पार्टियों के साथ रहता है। पिछड़ी जातियों का एक समूह है, जो मंडल की राजनीति के बाद प्रादेशिक समाजवादी पार्टियों के साथ रहता है तो दलित जातियों का एक मतदाता समूह है, जो पहले कांग्रेस के साथ जाता था और फिर...

  • कांग्रेस ने की मिजोरम चुनाव के लिए 39 उम्मीदवारों की घोषणा

    भारत में हमेशा मतदाताओं को कई समूह रहे हैं। अलग अलग पार्टियां अलग अलग समूहों को टारगेट करती हैं। अल्पसंख्यक मतदाताओं का एक बड़ा समूह है, जिसके तुष्टिकरण का आरोप लगा कर भाजपा ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया। हिंदुत्व का एक मतदाता समूह है, जो पहले भारतीय जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी, शिव सेना आदि पार्टियों के साथ रहता है। पिछड़ी जातियों का एक समूह है, जो मंडल की राजनीति के बाद प्रादेशिक समाजवादी पार्टियों के साथ रहता है तो दलित जातियों का एक मतदाता समूह है, जो पहले कांग्रेस के साथ जाता था और फिर...

  • चुनाव लड़ने से आप को नुकसान होगा

    भारत में हमेशा मतदाताओं को कई समूह रहे हैं। अलग अलग पार्टियां अलग अलग समूहों को टारगेट करती हैं। अल्पसंख्यक मतदाताओं का एक बड़ा समूह है, जिसके तुष्टिकरण का आरोप लगा कर भाजपा ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया। हिंदुत्व का एक मतदाता समूह है, जो पहले भारतीय जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी, शिव सेना आदि पार्टियों के साथ रहता है। पिछड़ी जातियों का एक समूह है, जो मंडल की राजनीति के बाद प्रादेशिक समाजवादी पार्टियों के साथ रहता है तो दलित जातियों का एक मतदाता समूह है, जो पहले कांग्रेस के साथ जाता था और फिर...

  • चुनावी मोहर्रम में भी ‘रेवड़ी’ अहम….!

    भारत में हमेशा मतदाताओं को कई समूह रहे हैं। अलग अलग पार्टियां अलग अलग समूहों को टारगेट करती हैं। अल्पसंख्यक मतदाताओं का एक बड़ा समूह है, जिसके तुष्टिकरण का आरोप लगा कर भाजपा ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया। हिंदुत्व का एक मतदाता समूह है, जो पहले भारतीय जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी, शिव सेना आदि पार्टियों के साथ रहता है। पिछड़ी जातियों का एक समूह है, जो मंडल की राजनीति के बाद प्रादेशिक समाजवादी पार्टियों के साथ रहता है तो दलित जातियों का एक मतदाता समूह है, जो पहले कांग्रेस के साथ जाता था और फिर...

  • दक्षिण के राज्यों में नए गठबंधन

    भारत में हमेशा मतदाताओं को कई समूह रहे हैं। अलग अलग पार्टियां अलग अलग समूहों को टारगेट करती हैं। अल्पसंख्यक मतदाताओं का एक बड़ा समूह है, जिसके तुष्टिकरण का आरोप लगा कर भाजपा ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया। हिंदुत्व का एक मतदाता समूह है, जो पहले भारतीय जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी, शिव सेना आदि पार्टियों के साथ रहता है। पिछड़ी जातियों का एक समूह है, जो मंडल की राजनीति के बाद प्रादेशिक समाजवादी पार्टियों के साथ रहता है तो दलित जातियों का एक मतदाता समूह है, जो पहले कांग्रेस के साथ जाता था और फिर...

  • जी-20, सनातन और हिंदी पर चुनाव

    भारत में हमेशा मतदाताओं को कई समूह रहे हैं। अलग अलग पार्टियां अलग अलग समूहों को टारगेट करती हैं। अल्पसंख्यक मतदाताओं का एक बड़ा समूह है, जिसके तुष्टिकरण का आरोप लगा कर भाजपा ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया। हिंदुत्व का एक मतदाता समूह है, जो पहले भारतीय जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी, शिव सेना आदि पार्टियों के साथ रहता है। पिछड़ी जातियों का एक समूह है, जो मंडल की राजनीति के बाद प्रादेशिक समाजवादी पार्टियों के साथ रहता है तो दलित जातियों का एक मतदाता समूह है, जो पहले कांग्रेस के साथ जाता था और फिर...

  • तेलंगाना, पूर्वोत्तर में इन मुद्दों से नुकसान

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  • लद्दाख प्रशासन ने चुनाव के लिए जारी की नई अधिसूचना

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  • मप्र-छतीसगढ़ में शाह हैं सेनापति!

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  • राज्यों में आप के लड़ने का पेंच

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  • चुनाव आयोग ने 24 जुलाई को राज्‍यसभा की 10 सीटों के लिए चुनाव की घोषणा की

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  • राजस्थान में मोदी के चेहरे पर चुनाव!

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  • आप के लिए आगे मुश्किल ज्यादा!

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  • निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले संजय उपाध्याय सहित तीन अन्य सपा से निष्‍कासित

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  • दिल्ली के मेयर का चुनाव 26 अप्रैल को

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