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  • कर्नाटकः बदले की राजनीति

    लोकतंत्र में राजनेता चाहे वे कितने ऊंचे पद पर हों, सिद्धांततः वे जनता के सेवक होते हैं। बहरहाल, इस सोच को अब सिर के बल खड़े कर दिया गया है और उसका खामियाजा कर्नाटक को भुगतना पड़ रहा है। कर्नाटक सरकार की इस बात के लिए तारीफ की जाएगी कि चावल खरीद में केंद्र की ओर से डाली रुकावट को उसने अपने चुनावी वादे को पूरा ना करने का बहाना नहीं बनाया। खुले बाजार से खरीदारी की उसकी पहल पर भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने 34 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से चावल देने का निर्णय लिया था। बाद में...

  • सरकारी गेहूं और चावल की रिकॉर्ड खरीद

    Agriculture Ministry :- सरकार की चावल खरीद चालू विपणन सत्र 2022-23 में अबतक बढ़कर 5.58 करोड़ टन पर पहुंच गई है। इसके अलावा सरकार ने 1.22 करोड़ किसानों को 1.7 लाख करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान किया है। खाद्य मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। वहीं रबी विपणन वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में अबतक गेहूं की खरीद 2.62 करोड़ टन रही है, जो पिछले साल की कुल खरीद 1.88 करोड़ टन से कहीं अधिक है। मंत्रालय ने बयान में कहा, गेहूं और चावल की मौजूदा खरीद से सरकारी भंडार में पर्याप्त खाद्यान्न है। इसमें कहा गया...