unemployment

  • चुनाव बेरोजगारी और महंगाई पर होगा

    राहुल ने राजनीतिक बात कही थी। मोदी जी उसे धार्मिक बना रहे हैं।वैसे ही जैसे कर्नाटक चुनाव मेंनरेंद्र मोदी ने बजरंग दल को बजरंग बली के रुप में पेश किया था।नारे लगाए। कहा जय बजरंग बली कहकर वोट डालने जाना। जनता ने जयबजरंग बली बोला और बीजेपी के खिलाफ वोट डाल आई।मोदीजी ने कर्नाटक चुनाव परिणामों सेकोई सबक नहीं लिया।..इस बार लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ मोदी जी ने राहुल के एक शब्द को पकडॉ शक्ति का पहला मुद्दा  बनाया। इसका मतलब क्या दस साल सरकार चलाने के बाद प्रधानमंत्रीमोदी के पास अपनी उपलब्धियां बताने के लिए कुछ नहीं...

  • विपक्ष क्या भ्रष्टाचार का मुद्दा बना पाएगा?

    भारत में आजादी के बाद से अब तक हुए सत्ता परिवर्तनों में कुछ बातें बहुत कॉमन रही हैं। ऐसा शायद कभी नहीं हुआ है, कम से कम राष्ट्रीय स्तर पर, कि देश के मतदाताओं ने सकारात्मक रूप से सत्ता परिवर्तन के लिए मतदान किया हो। अच्छे की उम्मीद में या ज्यादा विकास की उम्मीद में मतदान करके सत्ता परिवर्तन की मिसाल नहीं है। राज्यों के स्तर पर जरूर ऐसी कुछ मिसालें हैं लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर संभवतः एक बार भी ऐसा नहीं हुआ। (Loksabha election 2024) यह भी पढ़ें: कांग्रेस को कमजोर बताना विपक्ष के लिए भी घातक लगभग हर...

  • बेरोजगारी का यह आलम

    ऊंची योग्यता वाले युवाओं का ऐसे पद पर नौकरी करना- जिसके लिए वे जरूरत से ज्यादा योग्य हैं- स्पष्टतः देश में बेरोजगारी की भीषण हालत का संकेत है। वैसे आंकड़े भी देश में बेरोजगारी की ऊंची दर की पुष्टि करते हैं। मीडिया की सुर्खियों ने आबादी के बड़े हिस्से को सुखबोध से ओत-प्रोत कर रखा है। ऐसा सोचने वाले लोगों की कमी नहीं है कि जल्द ही भारत आर्थिक महाशक्ति बन जाएगा। बल्कि कहा तो यह भी जाता है कि ऐसा हो भी चुका है। मगर यह हवाई नैरेटिव है, जो जमीनी सूरत से ध्यान हटाते हुए गढ़ा गया है।...

  • यह एक नई चुनौती

    यह बात स्वीकार करने की जरूरत है कि तकनीक के विकासक्रम को रोका नहीं जा सकता। जो काम किया जा सकता है, वो यह है कि नई चुनौती के मद्देनजर नीतियां तैयार की जाएं और अर्थव्यवस्था के स्वरूप को नई परिस्थितियों के अनुरूप ढाला जाए। भारत में शिक्षित बेरोजगारी की समस्या पहले से ही गंभीर है। अब ऊपर से एक नई परिस्थिति आ खड़ी हुई है। खबर है कि जानी-मानी कंपनी वन-97 कम्युनिकेशन लिमिटेड पेटीएम ने अपने सेल्स और इंजीनियरिंग समेत कई विभागों में छंटनी की है। कंपनी प्रवक्ता के मुताबिक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) अपनाने के कारण सेल्स और इंजीनियरिंग...

  • बेरोजगारी का गंभीर मसला

    संसद की सुरक्षा चूक के मामले में बहस का दायरा बढ़ गया है। कानून तोड़ने वालों को अपने किए की सजा मिलनी चाहिए, लेकिन साथ ही उस मसले का हल भी जरूर ढूंढा जाना चाहिए, जो आगे चल कर देश में सामाजिक अस्थिरता का कारण बन सकती है। यह निर्विवाद है कि संसद की सुरक्षा को भंग करने वाले नौजवानों ने गैर-कानूनी रास्ता चुना। इसके लिए उनके खिलाफ कानून की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बीच बेशक इस मामले में ऐसा कुछ नहीं कहा जाना चाहिए, जिससे समाज ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा मिले। लेकिन हकीकत यह है कि इस...

  • रोजगार की भयावह तस्वीर

    संसद की सुरक्षा चूक के मामले में बहस का दायरा बढ़ गया है। कानून तोड़ने वालों को अपने किए की सजा मिलनी चाहिए, लेकिन साथ ही उस मसले का हल भी जरूर ढूंढा जाना चाहिए, जो आगे चल कर देश में सामाजिक अस्थिरता का कारण बन सकती है। यह निर्विवाद है कि संसद की सुरक्षा को भंग करने वाले नौजवानों ने गैर-कानूनी रास्ता चुना। इसके लिए उनके खिलाफ कानून की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बीच बेशक इस मामले में ऐसा कुछ नहीं कहा जाना चाहिए, जिससे समाज ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा मिले। लेकिन हकीकत यह है कि इस...

  • बेरोजगारी है विकराल, गंभीर बने!

    संसद की सुरक्षा चूक के मामले में बहस का दायरा बढ़ गया है। कानून तोड़ने वालों को अपने किए की सजा मिलनी चाहिए, लेकिन साथ ही उस मसले का हल भी जरूर ढूंढा जाना चाहिए, जो आगे चल कर देश में सामाजिक अस्थिरता का कारण बन सकती है। यह निर्विवाद है कि संसद की सुरक्षा को भंग करने वाले नौजवानों ने गैर-कानूनी रास्ता चुना। इसके लिए उनके खिलाफ कानून की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बीच बेशक इस मामले में ऐसा कुछ नहीं कहा जाना चाहिए, जिससे समाज ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा मिले। लेकिन हकीकत यह है कि इस...

  • चार महीने में सबसे ज्यादा बेरोजगारी

    संसद की सुरक्षा चूक के मामले में बहस का दायरा बढ़ गया है। कानून तोड़ने वालों को अपने किए की सजा मिलनी चाहिए, लेकिन साथ ही उस मसले का हल भी जरूर ढूंढा जाना चाहिए, जो आगे चल कर देश में सामाजिक अस्थिरता का कारण बन सकती है। यह निर्विवाद है कि संसद की सुरक्षा को भंग करने वाले नौजवानों ने गैर-कानूनी रास्ता चुना। इसके लिए उनके खिलाफ कानून की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बीच बेशक इस मामले में ऐसा कुछ नहीं कहा जाना चाहिए, जिससे समाज ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा मिले। लेकिन हकीकत यह है कि इस...

  • गरीबी, बेरोजगारी बरदाश्त करने की अंतहीन सीमा!

    संसद की सुरक्षा चूक के मामले में बहस का दायरा बढ़ गया है। कानून तोड़ने वालों को अपने किए की सजा मिलनी चाहिए, लेकिन साथ ही उस मसले का हल भी जरूर ढूंढा जाना चाहिए, जो आगे चल कर देश में सामाजिक अस्थिरता का कारण बन सकती है। यह निर्विवाद है कि संसद की सुरक्षा को भंग करने वाले नौजवानों ने गैर-कानूनी रास्ता चुना। इसके लिए उनके खिलाफ कानून की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बीच बेशक इस मामले में ऐसा कुछ नहीं कहा जाना चाहिए, जिससे समाज ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा मिले। लेकिन हकीकत यह है कि इस...

  • 140-170 करोड़ लोगों में कमाने वाले और खाने वाले!

    संसद की सुरक्षा चूक के मामले में बहस का दायरा बढ़ गया है। कानून तोड़ने वालों को अपने किए की सजा मिलनी चाहिए, लेकिन साथ ही उस मसले का हल भी जरूर ढूंढा जाना चाहिए, जो आगे चल कर देश में सामाजिक अस्थिरता का कारण बन सकती है। यह निर्विवाद है कि संसद की सुरक्षा को भंग करने वाले नौजवानों ने गैर-कानूनी रास्ता चुना। इसके लिए उनके खिलाफ कानून की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बीच बेशक इस मामले में ऐसा कुछ नहीं कहा जाना चाहिए, जिससे समाज ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा मिले। लेकिन हकीकत यह है कि इस...

  • बेरोजगार नौजवानों से बरबादी के खतरे!

    संसद की सुरक्षा चूक के मामले में बहस का दायरा बढ़ गया है। कानून तोड़ने वालों को अपने किए की सजा मिलनी चाहिए, लेकिन साथ ही उस मसले का हल भी जरूर ढूंढा जाना चाहिए, जो आगे चल कर देश में सामाजिक अस्थिरता का कारण बन सकती है। यह निर्विवाद है कि संसद की सुरक्षा को भंग करने वाले नौजवानों ने गैर-कानूनी रास्ता चुना। इसके लिए उनके खिलाफ कानून की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बीच बेशक इस मामले में ऐसा कुछ नहीं कहा जाना चाहिए, जिससे समाज ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा मिले। लेकिन हकीकत यह है कि इस...

  • बेरोजगारी दर आठ फीसदी से ऊपर

    संसद की सुरक्षा चूक के मामले में बहस का दायरा बढ़ गया है। कानून तोड़ने वालों को अपने किए की सजा मिलनी चाहिए, लेकिन साथ ही उस मसले का हल भी जरूर ढूंढा जाना चाहिए, जो आगे चल कर देश में सामाजिक अस्थिरता का कारण बन सकती है। यह निर्विवाद है कि संसद की सुरक्षा को भंग करने वाले नौजवानों ने गैर-कानूनी रास्ता चुना। इसके लिए उनके खिलाफ कानून की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बीच बेशक इस मामले में ऐसा कुछ नहीं कहा जाना चाहिए, जिससे समाज ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा मिले। लेकिन हकीकत यह है कि इस...

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