समय सचमुच अनहोना!
यह सत्य भारत पर ही नहीं, बल्कि आज की दुनिया पर भी लागू है। इस कॉलम को लिखते समय इजराइल के ईरान पर हमले की खबर है। जबकि हर कोई होनी को टालने की कोशिश में था लेकिन नेतन्याहू बरबाद होते हुए हैं तो पश्चिम एशिया उनके साथ फंसा है। ऐसे ही अनिश्चितताओं से भरा भारत का आम चुनाव है। नरेंद्र मोदी कितना ही आत्मविश्वास दिखाएं, उनकी जनसभाएं 2019 और 2014 जैसी कतई नहीं हैं। सब कुछ बासी कढ़ी जैसा मामला है। Lok sabha election न सभाओं में नौजवानों का मोदी, मोदी हल्ला है और न मोदी के चेहरे या...