Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

पाकिस्तानी पत्रकार खालिद जमील की गिरफ्तारी, प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला

इस्लामाबाद। पाकिस्तान मानवाधिकार परिषद (एचआरसीपी) ने देश के प्रमुख पत्रकार खालिद जमील की गिरफ्तारी को ‘प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला’ बताया है। 

जमील को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान की जांच एजेंसी एफआईए के साइबर क्राइम सेल ने उन्हें इस्लामाबाद मीडिया टाउन स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था।

स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उन्हें “आधिकारिक प्रक्रियाएं पूरी होने” के बाद हिरासत में लिया गया, हालांकि उन्होंने कोई और जानकारी नहीं दी।

एचआरसी पाकिस्तान ने दावा किया, “पत्रकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार पाकिस्तान के संविधान और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार समझौतों द्वारा संरक्षित है। किसी भी पत्रकार को उसके विचारों या रिपोर्टिंग के लिए गिरफ्तार करना न केवल मौलिक मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता पर भी हमला है।

मानवाधिकार संस्था ने मांग की कि पाकिस्तानी सरकार और संबंधित अधिकारी जमील को तुरंत रिहा करें और पत्रकारों का उत्पीड़न बंद करें।

Also Read : दूसरी बार मां बनने जा रहीं गौहर खान

प्रेस की आजादी को एक स्वतंत्र समाज की नींव बताते हुए, संस्था ने सरकार से पाकिस्तान में मीडिया की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया। कहा पत्रकारों की आवाज को दबाना लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है।

यह पहली बार नहीं है जब जमील कानूनी शिकंजे में फंसे हों। इससे पहले, उन्हें सितंबर 2023 में सोशल मीडिया पर कथित तौर पर देश-विरोधी बयान फैलाने के आरोप में एफआईए द्वारा गिरफ्तार किया गया था।

जमील वर्तमान में किसी भी मीडिया हाउस से जुड़े नहीं हैं और फिलहाल एक यूट्यूब चैनल चलाते हैं। उनका चैनल पाकिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन और राजनीतिक दमन पर प्रकाश डालता है।

इस सप्ताह की शुरुआत में, मानवाधिकार संरक्षण आयोग (एचआरसीपी) ने इस्लामाबाद स्थित नेशनल प्रेस क्लब (एनपीसी) की चार महिला पत्रकारों के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक अपराध निवारण अधिनियम (पीईसीए) के तहत मामले दर्ज किए जाने की तीखी आलोचना की थी और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया था।

मानवाधिकार संस्था के मुताबिक पाकिस्तानी महिला पत्रकार पहले से ही कठिन परिस्थितियों में काम कर रही हैं। ऐसे में नैयर अली, सेहरिश कुरैशी, मायरा इमरान और शकीला जलील के खिलाफ कार्रवाई इस सेक्टर में काम कर रही महिलाओं की दुश्वारियों की ओर इशारा करती है।

Pic Credit : X

Exit mobile version