BharatPe:- लेखा फर्म डेलॉयट ने भारतपे में गलत तरीके से स्वीकृत वेंडरों और अधिक भुगतान पर सवाल उठाए थे। गौरतलब है कि भारतपे के पूर्व प्रबंध निदेशक एवं सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर पर धोखाधड़ी और धन के गबन का आरोप है।
भारतपे की ताजा वार्षिक रिपोर्ट में उसके वैधानिक लेखा परीक्षक डेलॉयट की राय दी गई है। इसमें कहा गया कि वेंडर चयन के लिए कंपनी की आंतरिक नियंत्रण प्रणाली प्रभावी ढंग से काम नहीं कर रही थी। इसके चलते गलत तरीके से मंजूर की गई कीमतों पर खरीद हुई।
भारतपे की वार्षिक रिपोर्ट के एक पन्ने में लेखा परीक्षकों की राय दी गई है। इसमें कहा गया है कि लेखा परीक्षकों ने निदेशक मंडल को धोखाधड़ी की किसी घटना के बारे में नहीं बताया। ग्रोवर ने इसी बात का इस्तेमाल मीडिया खबरों को गलत बताने के लिए किया था और कहा कि किसी भी पत्रकार ने भारतपे की वार्षिक रिपोर्ट नहीं पढ़ी है, जिसमें स्पष्ट रूप से किसी भी धोखाधड़ी की बात नहीं लिखी गई है।
हालांकि, जब वार्षिक रिपोर्ट के पिछले पन्ने की ओर इशारा किया गया, तो उन्होंने ऑडिटर की भूमिका पर सवाल उठा दिए। उन्होंने रिपोर्ट में बताई गई डेलॉयट की चिंताओं का जवाब नहीं दिया।
भारतपे ने पुलिस और अदालती शिकायतों में आरोप लगाया है कि ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी जैन और परिवार के अन्य सदस्यों ने फर्जी बिल बनाए। उन्होंने कंपनी को सेवाएं देने के लिए फर्जी वेंडरों को सूचीबद्ध किया और फर्म से अधिक शुल्क लिया। कंपनी ने इसके चलते हुए नुकसान की भरपाई के लिए 88.67 करोड़ रुपये की मांग की है। (भाषा)