नई दिल्ली। कोयला क्षेत्र की देश की दिग्गज सार्वजनिक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की सड़क परिवहन के जरिये होने वाली कोयला ढुलाई में वर्ष 2019-20 के दौरान 11 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है। कंपनी ने आज यह जानकारी दी कि चालू वित्त वर्ष में नवंबर तक सड़क के रास्ते कोयले की ढुलाई में 33 प्रतिशत की कमी आयी है और इसी अवधि में रेल के माध्यम से कोयले की ढुलाई 16 प्रतिशत बढ़कर 20 करोड़ टन से अधिक हो गयी है।
अप्रैल से नवंबर 2020 तक की अवधि में जितनी मात्रा में कोयले की ढुलाई हुई, उसमें से 56 प्रतिशत कोयला रेलवे के रास्ते गंतव्य तक पहुंचा। सीआईएल ने आज कहा कि सड़क परिवहन के जरिये काेयला ढुलाई से वायु प्रदूषण बढ़ता है और डीजल का खर्च भी अधिक होता है। इसे देखते हुए सीआईएल ने रेलवे के जरिये कोयले की ढुलाई पर अधिक जोर देना शुरु कर दिया है।
रेलवे के जरिये कोयले की ढुलाई की मात्रा को बढाने के उद्देश्य से सीआईएल अपनी चार अनुषंगी कंपनियों में 3,370 करोड़ रुपये की लागत से 21 अतिरिक्त रेलवे साइडिंग का निर्माण करेगी। ये रेलवे साइडिंग वित्त वर्ष 2024 तक काम करने लगेंगे। सीआईएल के पास फिलहाल करीब 152 रेल साइडिंग है और वर्ष 2024 तक इनकी संख्या बढ़कर 173 हो जायेगी।
Tags :गिरावट दर्ज