
नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि देश का विमानन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है तथा इसके साथ ही हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इस विकास का लाभ सिर्फ विदेशी विमान सेवा कंपनियाँ न ले उड़ें।
पुरी ने गुरुवार रात एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के कारण विमानन क्षेत्र में जो लाभ मिल रहा है हमारी निजी तथा सरकारी एयरलाइंस भी उसका फायदा उठाने में समर्थ हों।
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मेरा मानना है कि जिस रफ्तार से घरेलू विमान सेवा कंपनियाँ अपने बेड़े का विस्तार कर रही हैं, खास कर वाइड बॉडी विमानों की संख्या बढ़ा रही हैं उससे स्थिति में उचित बदलाव आयेगा और हमारी सफलता विकास का कारण भी बनेगी तथा हम उससे लाभांवित भी होंगे। हमारी एयरलाइंस सीधे यात्रियों को सीधे उनके अंतिम गंतव्य तक पहुँचाने में सक्षम होंगी।”
उन्होंने कहा कि तब यह नहीं होगा कि कोई विदेशी एयरलाइन यात्रियों को अपने देश में ले जाकर वहाँ से उनके अंतिम गंतव्य तक ले जायें। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि वह विमानन के बिजनेस मॉडल के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि विकास का लाभ विदेशी कंपनियों के साथ भारतीय कंपनियों को भी मिले।
पुरी ने कहा कि पिछले साल एक बड़ी विमान सेवा कंपनी का परिचालन बंद होने के बावजूद नवंबर में घारेलू मार्गों पर यात्रियों की संख्या 11 प्रतिशत बढ़ी। यह इस बात को दिखाता है कि इस क्षेत्र में अब भी विकास की काफी संभावनायें हैं। इस समय देश के सात से आठ प्रतिशत लोग ही हवाई सफर करते हैं और भविष्य में यह अनुपात बढ़कर 15-16 प्रतिशत पर पहुँचेगा। हवाई अड्डों की संख्या भी पाँच साल में दुगुनी होगी।
नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के निजीकरण के लिए निविदा दस्तावेजों को अंतिम रूप दे दिया गया है और जल्द ही आरंभिक सूचना दस्तावेज जारी कर बोली प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कंपनियों ने एयर इंडिया में रुचि दिखाई है उन्हें लगता है कि सरकार सही दिशा में बढ़ रही है। इससे घरेलू विमानन उद्योग मजबूत होगा और अल्पावधि तथा मध्यम अवधि में इसके विस्तार में इस विनिवेश का योगदान होगा।