नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कहर का फल कारोबार पर भारी असर पड़ा है जबकि इस जानलेवा वायरस के संक्रमण को रोकने के मकसद से घोषित 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान फल-सब्जी समेत खाने-पीने की तमाम चीजों की सप्लाई को बनाए रखने की इजाजत दी गई है।
दरअसल, थोक मंडियों में फलों की मांग नरम पड़ने से कारोबारियों ने इसकी आपूर्ति भी घटा दी है, जिससे फलों का कारोबार तकरीबन 60 फीसदी घट गया है। चैंबर ऑफ आजादपुर फ्रूट एंड वेजीटेबल्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट एम. आर. कृपलानी ने आईएएनएस को बताया कि बीते 15 दिनों से फलों की मांग कम होने से इसके कारोबार में 60 फीसदी की कमी आई है।
उन्होंने कहा कि फलों के खरीदार कम होने से मंडियों से उठाव कम हो रहा है। कृपलानी ने कहा कि सब्जियों की मांग और आपूर्ति पर विशेष असर नहीं है, लेकिन फलों की मांग कमजोर होने से आवक भी घट गई है जिससे उत्पादक किसान से लेकर कारोबारी तक फलों के कारोबार की पूरी चेन पर असर पड़ा है।
कृपलानी के इस बयान की पुष्टि मंडी में फलों की आवक के रिकॉर्ड से भी होती है। आजादपुर मंडी एपीएमसी से मिली जानकारी के अनुसार, सेब जहां पहले 1,000 टन से ज्यादा आता था वहां कल इसकी आवक महज 132 टन थी। इसी प्रकार नारंगी भी पहले 1,100-1,200 टन रोजाना आता था जबकि कल इसकी आवाक सिर्फ 320 टन थी।
इसी प्रकार, अनार, अमरूद और केले की आवक में कमी आई है। दक्षिण भारत से आम की आवक 50 टन और अंगूर की आवक 352 टन थी। एपीएमसी के एक कर्मचारी ने बताया कि अंगूर एक दिन के अंतराल पर मंगाया जा रहा है ताकि जो माल आता है उसकी बिक्री सुनिश्चित हो।
फलों का कारोबार लॉकडाउन के बाद 60 फीसदी घटा
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