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हर महीने 1.10 लाख करोड़ रुपए जीएसटी संग्रह का लक्ष्य

ByNI Business Desk,
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हर महीने 1.10 लाख करोड़ रुपए जीएसटी संग्रह का लक्ष्य
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष में राजस्व संग्रह में कमी आने की आशंका के बीच वित्त मंत्रालय ने अधिकारियों को शेष बचे चार महीने में 1.10 लाख करोड़ रुपए प्रति माह का जीएसटी राजस्व संग्रह करने का लक्ष्य दिया है और अधिकारियों से फील्ड इनफोर्समेंट ड्राइव तथा विजिट के दौरान किसी भी करदाता को बेवजह परेशान नहीं करने के लिए कहा है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि राजस्व सचिव अजय भूषण पाण्डेय ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये शीर्ष कर अधिकारियों के साथ बैठक की और उनसे वित्‍त वर्ष 2019-20 के लिए प्रत्‍यक्ष एवं अप्रत्‍यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में प्रयास करने को कहा है। इसके साथ ही कर वसूली बढ़ाने के लिए कदम उठाने के भी निर्देश दिए हैं। सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों को विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने और ध्‍यान रखने का निर्देश दिया गया है कि फील्‍ड इनफोर्समेंट ड्राइव और वसूली अभियान के दौरान किसी भी करदाता को अनावश्‍यक और बेवजह परेशानी का सामना न करना पड़े। चालू वित्त वर्ष के शेष चार महीने में हर महीने 1.10 लाख करोड़ रुपये और किसी एक महीने में 1.25 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी संग्रह का लक्ष्य दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, कंपनी कर में राहत के रूप में दिए गए 1.45 लाख करोड़ रुपए की छूट को प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य में किसी तरह की कमी के कारण के तौर पर नहीं देखा जायेगा।
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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को 13.5 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य काे हासिल करने के लिए जोरशोर से प्रयास करने की अपील की गयी है। सूत्रों ने कहा कि आयकर और अप्रत्यक्ष कर के अधिकारियों को हर सप्ताह फील्ड में जाने के लिए कहा गया है। राजस्व सचिव बजट की तैयारियों की व्यस्तता के बीच हर सप्ताह विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करेंगे और राजस्व संग्रह के लिए किये जा रहे प्रयासों का निरीक्षण करेंगे। सूत्रों ने कहा कि जीएसटी, आयकर और अन्य वित्तीय लेनदेन के बारे में सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जायेगा और कर चोरी करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी। यदि कोई करदाता सही कर सूचनायें नहीं देता है तो उसे संशोधित रिटर्न भरने के लिए कहा जायेगा। सूत्रों ने इसकी पुष्टि की जीएसटी अधिकारियों को जीएसटीआर1 और जीएसटीआर 3बी भरने में चूक करने वाले करदाताओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई जैसे ई-वे बिल ब्लॉक करने, इनपुट टैक्स क्रेडिट रोकने और पंजीयन रद्द करने के लिए कहा गया है। जीएसटी रिटर्न की जानकारी आयकर विभाग को भी दी जायेगी ताकि कारोबार और आयकर के बारे में जानकारी हासिल की जा सके और उसके अनुरूप कर वसूली की जायेगी। पिछले बकाये की वसूली के लिए अगले तीन महीने में अभियान भी चलाया जायेगा।
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