
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा के साथ यह भी स्पष्ट किया कि अगले वित्त वर्ष में विकास दर पांच फीसदी भी रहने का अनुमान नहीं है। पर इस बीच रेटिंग करने वाली एजेंसी मूडीज ने 2020 के कैलेंडर वर्ष में भारत की विकास दर ढाई फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है। इससे पहले इसी महीने मूडीज ने भारत की जीडीपी की विकास दर 5.3 फीसदी और फरवरी में 5.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।
मूडीज ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी से पड़ने वाले आर्थिक बोझ के कारण जीडीपी विकास दर के अनुमान में बदलाव किया गया है। गौरतलब है कि 2019 में वास्तविक विकास दर पांच फीसदी रही थी। एक दूसरी रेटिंग एजेंसी फिच ने 2020-21 के लिए भारत की विकास दर 5.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। एजेंसी ने पिछले हफ्ते को ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक 2020 में कहा है कि आने वाले हफ्तों में कोरोना वायरस का असर बढ़ेगा। ऐसे हालातों में अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है। हालांकि फिच का अनुमान है कि 2021-22 में भारत की विकास दर 6.4 फीसदी रहेगी।
एक तीसरी रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स, एसएंडपी ने 2020 में भारत की आर्थिक विकास दर 5.2 फीसदी रहने की उम्मीद जताई है। एजेंसी ने कहा है कि कोरोना वायरस के कारण वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी का खतरा बना हुआ है। इस कारण इस साल आर्थिक विकास दर कम रहने की संभावना है। इससे पहले एजेंसी ने कैलेंडर वर्ष 2020 में भारत की विकास दर 5.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।