नई दिल्ली। अक्टूबर में रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद नवंबर में खुदरा महंगाई की दर में मामूली कमी आई है। लगातार तीन महीने तक खुदरा महंगाई की दर सात फीसदी से ऊपर रहने के बाद नवंबर में यह कम होकर 6.93 फीसदी हो गई। खुदरा मुद्रास्फीति की दर में कमी आने का कारण यह बताया जा रहा है कि सब्जियों के दाम घटे हैं।
खुदरा महंगाई की दर अक्टूबर 2020 में साढ़े छह साल में सबसे ज्यादा हो गई थी। उस समय यह 7.61 फीसदी पर थी। बहरहाल, नवंबर में खाने-पीने की चीजों की महंगाई की दर 9.43 फीसदी रही है, जो कि अक्टूबर में 11.07 फीसदी थी। इसका मतलब यह हुआ कि जरूरी चीजों जैसे सब्जियों, मांस मछली, अंडा आदि की कीमतों में मामूली कमी आई है। इससे पहले दो-तीन महीने की महंगाई दर को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। महंगाई बढ़ने की चिंता में दिसंबर के पहले हफ्ते में हुई मौद्रिक समीक्षा के दौरान रेपो रेट स्थिर रखने का फैसला किया गया था। तब रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि महंगाई में अभी कमी आने की संभावना कम है। बहरहाल, नवंबर में भले खुदरा महंगाई की दर घटी है पर थोक महंगाई की दर नवंबर में 1.55 फीसदी पर पहुंच गई है। अक्टूबर में यह 1.48 फीसदी रही थी।
खुदरा महंगाई में मामूली कमी
और पढ़ें
-
केजरीवाल पर नेता चुनने का दबाव
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली का राज चलाने के लिए नया...
-
अखिलेश व आजम का विवाद कितना सही
समाजवादी पार्टी में नए और पुराने नेताओं की बहस लगभग समाप्त हो गई है। पुराने नेताओं में अब सिर्फ आजम...
-
महुआ मोइत्रा क्या चुनाव के बीच गिरफ्तार होंगी?
पूर्व सांसद और पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ रही हैं।...
-
ममता कांग्रेस के खिलाफ और केजरीवाल के साथ
इस बात की चर्चा बहुत दिन से होती है कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अंदर एक उप समूह है, जो...