मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक, आरबीआई के गवर्नर ने कहा है कि देश में आर्थिक मंदी में सुधार सिर्फ मौद्रिक नीति से नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा है कि मौद्रिक नीति की कुछ सीमाएं होती हैं, इसलिए विकास बढ़ाने के लिए ढांचागत सुधारों और वित्तीय उपायों की भी जरूरत है। आम बजट आने से ठीक पहले आरबीआई के गवर्नर का यह बयान बहुत अहम माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस बार बजट में कुछ ढांचागत सुधार हो सकता है।
शक्तिकांत दास का कहना है कि फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज, टूरिज्म, ई-कॉमर्स, स्टार्टअप्स और ग्लोबल सप्लाई चेन का हिस्सा बनने के प्रयासों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। शक्तिकांत दास का यह बयान जीडीपी बढ़ोतरी की दर में गिरावट और आने वाले बजट के लिहाज से अहम माना जा रहा है। गौरतलब है कि सितंबर तिमाही में विकास सिर्फ साढ़े चार फीसदी रह गई, यह छह साल में सबसे कम है।
आरबीआई गवर्नर का कहना है कि केंद्र सरकार बुनियादी खर्च पर ध्यान दे रही है, इससे अर्थव्यवस्था में विकास की गति बढ़ेगी। लेकिन, राज्यों को भी खर्च बढ़ा कर विकास में योगदान देना चाहिए, इससे कई गुना ज्यादा असर होगा। दास ने कहा कि देश की संभावित विकास का अनुमान लगाना केंद्रीय बैंक के लिए एक बड़ी चुनौती होती है। इसके बावजूद मांग में कमी, सप्लाई और महंगाई दर को देखते हुए रा य रखी गई ताकि समय पर उचित नीतियां लागू की जा सकें।