Nishant Sharma
नई दिल्ली | Delhi AAP Haj House : क्या आपने कभी कांवड़ हाउस के बारे में सुना है?? जाहिर सी बात है कि आपने इसके बारे में पहले कभी नहीं सुना होगा. लेकिन आने वाले दिनों में यह सोशल मीडिया में ट्रेंड करता हुआ और मेन स्ट्रीम मीडिया पर बहस के दौरान आसानी से सुना जा सकता है. चलिए आज हम आपको बता दें कि आखिर क्या है कांवड़ हाउस और ये कहां से आया. दरअसल पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में AAP और दिल्ली वक्फ बोर्ड की परेशानी बढ़ गई हैं. यह सारा मसला उसी जमीन का है जहां आम आदमी पार्टी हज हाउस बनाना चाहती है. चूंकि ये हिंदू बाहुल्य इलाका है इसीलिए खाप पंचायतों के साथ स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं. लेकिन दिल्ली वक्फ बोर्ड ने सरकार से हज हाउस की जगह कांवड़ हाउस बनाने की मांग की है.
अन्य राज्यों में भी उठेगी मांग
Delhi AAP Haj House : जैसा कि भारतीय राजनीति को सूट भी करता है कि जातिगत राजनीति का लाभ उठाकर वोटबैंक मजबूत किया जाए. बता दें कि किसी भी राज्य में वक्फ बोर्ड में वही लोग शामिल होते हैं जिनकी सरकार राज्य में होती है. ऐसा ही दिल्ली की वक्फ बोर्ड का भी हाल है. वक्फ बोर्ड में ज्यादातर आम आदमी पार्टी से जुड़े लोग ही शामिल हैं. इसके बाद भी यह मांग आपको आश्चर्य में जरुर डाल रही होगी. तो आइए जानते हैं इसके पीछे का क्या कारण है.
100 करोड़ की लागत से बन रहा है हज हाउस
Delhi AAP Haj House : दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सेक्टर 22 में हज हाउस का निर्माण करवा रहे हैं. हिंदू बहुल इस इलाके में 360 खाप पंचायतों ने साफ कर दिया है कि वह ऐसा नहीं होने देंगे. आपको यह जानकर भी आश्चर्य होगा कि इस हज हाउस की लागत 100 करोड़ है और इसका 90% काम पूरा हो चुका है. इसके बाद भी यह विरोध अपने आप में हैरान करने वाला है. भारतीय जनता पार्टी ने भी बिना कुछ सोचे समझे खाप पंचायतों का साथ देना उचित समझा. दिल्ली भाजपा के मुखिया आदेश गुप्ता का कहना है कि केजरीवाल सरकार मुस्लिमों को खुश करने के लिए ऐसा कर रही है.
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BJP को कॉपी कर रही है AAP
Delhi AAP Haj House : AAP कोई है तो समझ आ गया है कि खाप पंचायतों के विरोध के बाद अब इतनी आसानी से हज हाउस का निर्माण कार्य पूरा नहीं कराया जा सकेगा. ऐसे में दिल्ली में सरकार चला रही AAP ने भी इस मुद्दे पर राजनीति करना स्वीकार कर लिया है. शायद यहीं कारण है कि AAP अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और हिंदुओं को खुश करने के लिए यह सब आजमा रही है. इसका आने वाले समय में कितना फायदा होता है यह तो देखने वाली बात होगी. लेकिन इतना जरूर है कि AAP ने BJP को एक बार फिर से एक मुद्दा जरूर दे दिया है.
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