समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में भी मनाई जाती है अंबेडकर जयंती Ambedkar Jayanti 2022: डॉ. अंबेडकर ने कमजोर और पिछड़े वर्ग के अधिकारों के लिए पूरा जीवन संघर्ष किया। बाबा साहेब सामाजिक नवजागरण के अग्रदूत और समतामूलक समाज के निर्माणकर्ता रहे। वे समाज के कमजोर, मजदूर, महिलाओं आदि को शिक्षा के जरिए सशक्त बनाना चाहते थे। इसी कारण अंबेडकर जयंती को भारत में समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। ये भी पढ़ें:-देश में आज सामने आए 1007 नए केस, दिल्ली में फिर मिले 300 के करीब नए संक्रमितप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उन्हें ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी। pic.twitter.com/Fz5C9lOtmn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 14, 2022
उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पितक की। वहीं, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अंबेडकर जयंती पर मुंबई के दादर में बाबा साहेब को श्रद्धांजलि दी। ये भी पढ़ें:- आंध्र प्रदेश में दर्दनाक हादसा, केमिकल फैक्ट्री में बॉयलर फटने से 6 की मौत, कई गंभीर घायलउत्तर प्रदेश: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने लखनऊ में डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। pic.twitter.com/PC8y71V5sg
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संविधान समिति के रहे अध्यक्ष बाबा साहेब ने लेबर पार्टी का गठन किया था और वे संविधान समिति के अध्यक्ष रहे। देश को आजादी मिलने के बाद उन्हें कानून मंत्री नियुक्त किया गया था। इसके बाद बाबा साहेब ने बॉम्बे नॉर्थ सीट से देश का पहला आम चुनाव लड़ा, लेकिन वे जीत नहीं पाए। बाबा साहेब राज्यसभा से दो बार सांसद चुने गए। 6 दिसंबर 1956 को बाबा साहेब का निधन हो गया और 1990 में उन्हें भारत का सर्वाेच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। ये भी पढ़ें:- राजस्थान बोर्ड की पांचवीं और आठवीं की परीक्षाओं का समय बदला, जानें नया टाइम टेबलमहाराष्ट्र: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उन्हें मुंबई के दादर में श्रद्धांजलि दी। pic.twitter.com/ghAxr1awkS
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