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'दीदी बोली'- वो बुलाते हैं, लेकिन जाने का नहीं ! मुख्य सचिव विवाद पर एक बार आमने सामने आयीं ममता बनर्जी और केंद्र सरकार

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'दीदी बोली'- वो बुलाते हैं, लेकिन जाने का नहीं !  मुख्य सचिव विवाद पर एक बार आमने सामने आयीं ममता बनर्जी और केंद्र सरकार
Kolkata: बंगाल चुनाव के बाद भी केंद्र और TMC के बीच की जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. बंगाल में फैली हिंसा हो या फिर यास तूफान के दौरान पीएम की मीटिंग में ममता बनर्जी का बर्ताव. साफ है कि केंद्र सरकार और ममता बनर्जी लगभग हर मुद्दे में आमने-सामने नजर आ रहे हैं. एक बार फिर से पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को लेकर केंद्र सरकार और टीएमसी आमने-सामने है. उम्मीद की जा रही है कि अब बंगाल के मुख्य सचिव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जा सकती है. इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से 31 मई की सुबह 10:00 बजे तक अलपन को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था लेकिन वह तो नहीं आये, आई तो उनकी जगह ममता बनर्जी की चिट्ठी.इस पूरेो विवाद को दिख सोशल मीडिया में मीम्स और पोस्ट की भरमार हो गई . इनमें सबसे अच्छा पोस्ट एक राघव नाम के युवक ने किया. युवक के पोस्ट में दीदी ने मुख्य सचिव को कहा कि वो बुलाते हैं लेकिन जाने का नहीं.

दीदी ने पत्र लिखकर बदला लेने का लगाया आरोप

ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए पत्र में कहा कि मैं बंगाल के मुख्य सचिव को अचानक वापस बुलाने के फैसले से चकित हूं. दीदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार इन विपरीत परिस्थितियों में अपने मुख्य सचिव को कैसे छोड़ सकती है. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव को बुलाने के फैसले पर केंद्र सरकार को एक बार फिर से विचार करना चाहिए. ममता बनर्जी ने पत्र में लिखा की अलपन बंदोपाध्याय के साथ नाइंसाफी की जा रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मुझसे नाराज है लेकिन ईमानदारी से काम करने वाले मुख्य सचिव के जरिए मुझ पर भड़ास निकालने का प्रयास कर रही है.

विवाद में कूद केजरीवाल ने दी सलाह

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस विवाद में कूदकर आज एक ट्वीट किया. सीएम केजरीवाल ने सलाह देते हुए ट्वीट में लिखा कि यह परिस्थितियां राज्य सरकारों से लड़ने का नहीं है अभी तो हम सबको मिलकर कोरोना वायरस से लड़ना चाहिए. उन्होंने लिखा कि केंद्र सरकार को भी टीका उपलब्ध कराने के विकल्पों के बारे में सोचना चाहिए अभी हम सब अलग अलग राज्य नहीं बल्कि टीम इंडिया बंद कर काम करें तो ज्यादा बेहतर होगा. इसे भी पढ़ें-  Corona Alert: सावधान ! चीन के दक्षिण के इलाकों में एक बार फिर से बढ़ रहा है कोरोना संक्रमण 

ऐसे समझें विवाद का कारण

जानकारी के अनुसार अलपन बंदोपाध्याय 1987 बंगाल काडर बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वे अपनी 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 31 मई 2021 को ही रिटायर होने वाले थे. लेकिन केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद बंगाल में उन्हें 3 महीने का अतिरिक्त सेवा विस्तार दिया गया. विवाद तब खड़ा हो गया जब केंद्र सरकार द्वारा सेवा विस्तार किए जाने के महज 4 दिनों बाद ही केंद्र सरकार ने एक बार फिर से उनकी सुनवाई मांगी. 4 दिनों के बाद केंद्र सरकार ने बंगाल सरकार से कहा कि मुख्य सचिव को तुरंत कार्यमुक्त किया जाए. जिसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम को जबरन प्रतिनियुक्ति कह दिया. इसे भी पढ़ें-  कल से देश में बदल जाएंगे कई नियम, आम आदमी पर पड़ेगा सीधा भार, जेब करनी पड़ सकती है ढीली
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