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घमंड तो रावण का नहीं रहा, आप तो फिर भी इंसान हैं ! आंकड़ों पर बात ...

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घमंड तो रावण का नहीं रहा, आप तो फिर भी इंसान हैं ! आंकड़ों पर बात ...
नई दिल्ली | इस बात में कोई शक नहीं कि भारतीय जनता पार्टी को देश की जनता ने 2014 और 2019 में भरपूर वोटों से सत्ता दिलाई. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं देखी गई. लेकिन कोरोना काल में केंद्र सरकार के काम करने के तरीके से देश की जनता और पीएम मोदी की लोकप्रियता पर गहरा असर पड़ा है. लेकिन इन सबसे अलग कुछ और जरूरी बातें हैं जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. मोदी सरकार की अकड़ और गैर जिम्मेदाराना हरकत देश के लोगों की समझ से परे है. एक दो बार नहीं बल्कि कई बार देखा गया कि विपक्षी नेताओं द्वारा दिए गए सलाह का पहले तो मजाक बनाया गया और बाद में झट से उसे मान लिया गया. आइए देखते हैं कुछ ऐसे ही अकड़ के नमूने...

17 फरवरी 2021

संसद की स्थाई समिति की बैठक के दौरान कोरोना वैक्सीन को लेकर चर्चा हुई थी. उस समय समिति ने प्रधानमंत्री को वैक्सिंग के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कहा था. लेकिन उस समय समिति कि सलाह से बेपरवाह भाजपा सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया यही कारण है कि आज देश में वैक्सीन की कमी से क्या हालात हैं ये किसी से भी छिपी हुई नहीं है.

18 अप्रैल 2021

देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सलाह दी थी कि कोरोना वैक्सीन के उत्पादन के लिए दूसरी कंपनियों को भी लाइसेंस दिया जाना चाहिए. इस पत्र का प्रधानमंत्री मोदी ने कोई जवाब नहीं दिया. इसे पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान ही समझा जाना चाहिए. लेकिन जब कोरोना कि दूसरी लहर से हालात बेकाबू हुए तो 12 मई को मोदी सरकार ने दूसरी कंपनियों को लाइसेंस देने का निर्णय ले लिया.

मार्च 2021

भारत सरकार के कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को वैज्ञानिकों की एक समिति ने कोरोना की दूसरी लहर को लेकर आगाह किया था. बता दे किस समिति का गठन पिछले साल मोदी सरकार ने ही किया था. इसके बाद भी भारत सरकार की ओर से कोई सक्रियता नहीं दिखाई गई और चुनावी रैलियां और गंगा स्नान जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा. इसे भी पढ़ें-Right Or Wrong: लैब में तैयार हुआ ‘मां का दूध’, बाजार में बिकने के लिए तैयार

12 फरवरी 2020

राहुल गांधी ने ट्वीट कर करोड़ों की दूसरी लहर के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था के लिए इसे गंभीर खतरा बताया . बता दें कि राहुल गांधी ने इससे पहले भी संसद में यह बात उठाई थी. इसके बाद भाजपा ने राहुल गांधी का मजाक उड़ाया और उन पर देश को डराने का आरोप लगा दिया. आज देश की जो अर्थव्यवस्था और जीडीपी का हाल है वह किसी से भी छिपा हुआ नहीं है.

9 अप्रैल 2021

देश में वैक्सीनेशन की गति को बढ़ाने के लिए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा. राहुल नें पत्र में मांग की थी कि विदेशों से वैक्सीन के भारत आयात के बारे में केंद्र सरकार को कदम उछाने चाहिए. इस पत्र के जवाब में राहुल गांधी का जमकर मजाक उड़ाया गया और उन्हें विदेशी फार्मा कंपनियों का एजेंट तक बता दिया. लेकिन इसके ठीक 15 दिन बाद मोदी सरकार ने स्पूतनिक वैक्सीन समेत अन्य विदेशी कोरोना वैक्सीन को आयात की मंजूरी दे दी. इसे भी पढ़ें-Uttar pradesh : सपा सांसद ने शादी समारोह के दौरान बार-बालाओं के साथ लगाए ठुमके, FIR की तैयारी
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