नई दिल्ली | देश में कोरोना संक्रमण क्या कम हुआ कई राज्यों में ‘राजनीति का खेला’ शुरू हो गया। राजस्थान, पंजाब, यूपी और अब बिहार में भी राजनीतिक उथल-पुथल जोरों पर है। बिहार में तो ‘चाचा-भतीजा’ के बीच ‘सियासी खेला’ चालू हो गया है। चिराग पासवान (Chirag Paswan) की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में कई नेताओं ने मोर्चा खोलते हुए पार्टी से बगावत कर दी है। LJP के पांच सांसदों ने पार्टी से अलग होने का फैसला कर लिया है। लोजपा के छह में से 5 लोकसभा सांसदों ने चिराग पासवान को हटाकर हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से उनके चाचा और सांसद पशुपति पारस (Pashupati Paras) को संसदीय दल का नेता चुना है। सुत्रों के अनुसार, ये सभी चिराग पासवान के कामकाज से खुश नहीं थे और पार्टी को अपने तरीके से चलाने से नाराज थे। खबर तो ये भी है कि ये पांचों सांसद जेडीयू (JDU) में शामिल हो सकते हैं।
अब किसे मिलेगी मान्यता
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) को संसदीय दल का नया नेता चुने जाने के संबंध में पत्र भी सौंप दिया गया है। अगर अब लोकसभा अध्यक्ष संसदीय दल के नेता के तौर पर पशुपति पारस को मान्यता दे देते है तो चिराग पासवान की लोजपा के संसदीय दल के नेता की मान्यता खत्म हो सकती है।
इन सांसदों ने की बगावत
चुनाव पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद खगड़िया से महबूब अली केसर, नवादा से चंदन कुमार, वैशाली से वीणा देवी और समस्तिपुर से प्रिंस पासवान के नाम बताए जा रहे हैं। इनके JDU में शामिल होने के संकेत है।
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कांग्रेस में भी सियासी घमासान
वहीं दूसरी ओर लोजपा से अचानक 5 सांसदों के टूटने के बाद अब बिहार में कांग्रेस में भी सियासी घमासान देखने को मिल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, बिहार में कांग्रेस को तोड़कर एनडीए को मजबूत बनाने की कोशिश की जा रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के कई नेताओं ने जेडीयू के साथ आने के संकेत भी दिए हैं। सूत्रों की माने तो कांग्रेस के कई नेताओं की जेडयू के नेताओं से बात भी हो चुकी है।