पटना। बिहार सरकार शराब के सेवन के कारण जेल जाने के बाद शराब छोड़ने वालों की संख्या की गणना के लिए एक सर्वेक्षण करेगी। इसकी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दावा किया कि बिहार सरकार राज्य में सफलतापूर्वक शराबबंदी लागू करने और इसके लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है। कुमार ने कहा, हमने 2018 में एक नशामुक्ति सर्वेक्षण किया था और पाया कि 1.64 करोड़ लोगों ने शराब का सेवन छोड़ दिया था। चार साल बाद, हम यह जानने के लिए एक ही सर्वेक्षण करने जा रहे हैं कि कितने और लोगों ने नशे की लत पर काबू पाया है।
इस सर्वे के तहत अधिकारी जेल से छूटने के बाद शराब छोड़ने वालों की गिनती पर ध्यान देंगे। उन्होंने कहा, अगर कोई शराब पीकर मर जाता है, तो हम उसके साथ सहानुभूति नहीं रख सकते। समाज में कुछ लोग उपद्रव करते हैं। हमारी पुलिस, आबकारी और शराबबंदी विभाग उन्हें संभालेगा। शराब माफियाओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए राज्य सरकार ड्रोन, हेलीकॉप्टर, सैटेलाइट फोन, मोटर बोट, घोड़े, डॉग स्क्वायड का इस्तेमाल कर रही है। इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं करने पर बिहार पुलिस की आलोचना हो रही है। शराब माफियाओं के साथ कथित संबंधों को लेकर कई पुलिस कर्मियों और अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया और उनको नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।
बिहार: शराब छोड़ने वालों की होगी गिनती, 2018 में 1.64 करोड़ लोगों ने छोड़ी थी शराब
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