बिहार में जिस दिन भाजपा और जदयू का गठबंधन टूटा था उसी दिन से यह कहा जाने लगा था कि अब केंद्रीय एजेंसियां बिहार में सक्रिय होंगी और नेताओं की मुश्किलें बढ़ेंगी। यह अंदाजा सही भी साबित हुआ, जब सीबीआई ने राष्ट्रीय जनता दल के कई नेताओं के यहां छापे मारे। इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार राजद का बचाव कर रहे हैं और उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद या उनके परिवार के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है लेकिन जदयू ने भाजपा से नाता तोड़ कर राजद के साथ सरकार बना ली है इसलिए उनके यहां छापेमारी हो रही है। ऐसा कहते समय नीतीश कुमार को अंदाजा नहीं होगा कि जल्दी ही उनकी पार्टी के करीबियों के यहां भी कार्रवाई हो सकती है।
शुक्रवार को आयकर विभाग की टीम जदयू के करीबी लोगों के दरवाजे तक पहुंच गई। शुक्रवार को आयकर विभाग ने बिहार में कारोबारी गब्बू सिंह के 16 ठिकानों पर छापमारी है। बिहार में सबको पता है कि गब्बू सिंह जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के करीबी कारोबारी हैं। पटना में उनके होटल हैं और कई बड़े ठेके उनको मिले हुए हैं। उनके यहां छापे से जदयू में बौखलाहट है, हालांकि पार्टी के नेता खुल कर इस पर कुछ नहीं कह रहे हैं। हालांकि अनौपचारिक बातचीत में जदयू के एक नेता ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के नामांकन के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथ पकड़ कर ललन सिंह को पीछे से आगे खींच लिया था और अगली कतार में बैठाया था। लेकिन साथ छोड़ते ही केंद्रीय एजेंसियां उनके करीबियों को परेशान करने लगी हैं। हालांकि अभी सिर्फ आयकर की टीम पहुंची है। ईडी या सीबीआई की कार्रवाई नहीं हुई है। इन दो एजेंसियों से ज्यादा डर फैलता है।