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सावधान! तबाही ना मचा दे covid की Triple mutation strain, यहाँ आ चुकी है भारत में..

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सावधान! तबाही ना मचा दे covid की  Triple mutation strain, यहाँ आ चुकी है भारत में..
भारत में कोरोना वायरस(corona virus) ने आतंक मचा रखा है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। जिससे एक दिन में करीब 3 लाख मामले दर्ज हो रहे है। और 2 हजार मौते हो रही है। विशेषज्ञों (expert) के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से कई गुना खतरनाक है। इसी बीच एक रिपोर्ट के मुताबिक(according to a report) भारत के कुछ हिस्सों में 'ट्रिपल म्यूटेशन स्ट्रेन(Triple mutation strain) पाया गया है। भारत के साथ ही ये ट्रिपल म्यूटेशन स्ट्रेन अमेरिका, स्विट्जरलैंड, सिंगापुर और फिनलैंड में भी पाया गया है। और देश का हेल्थ सिस्टम(health system) जर्जर होता जा रहा है। देश के अधिकांश अस्पतालों(hospital) में चिकित्सा सेवाएं बहाल(resumed) करने की जरूरत है। ऑक्सीजन(oxygen) की कमी तो देश के लगभग सभी अस्पतालों में है। वहीं बैड और दवाओं की भी लगातार कमी हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पहले ये वायरस तबाही मचाये इसे रोकना होगा। देश में सभी लोगों को सतर्क(alert) रहना होगा। इसे भी पढ़ें दर्दनाक : तीन दिन से मृत पड़ी थी कोरोना पाॅजिटिव महिला! शव को खा रहे थे जानवर

क्या है वायरस का म्यूटेशन

म्यूटेशन (mutation) तब होता है जब वायरस अपना रूप बदलता है और जितना वो म्यूटेट (mutation)होता है उतना ही फैलता है। भारत में डबल म्यूटेशन (double mutation) वाले वायरस के मामलों में ऐसा हो चुका है। कोरोना वायरस के डबल म्यूटेशन का पता पहली बार पिछले साल 5 अक्टूबर को वायरस के जीनोम सीक्वेंस(Genome sequence) से लगा था। जानकारों के मुताबिक इसी वजह से कोरोना की दूसरी लहर तेज हुई है। इस वैरिएंट(varient) को वैज्ञानिक(Scientist) तौर पर B.1.617 नाम दिया गया है। जिसमें दो तरह के म्यूटेशंस हैं- E484Q और L452R म्यूटेशन। ये वायरस का वो रूप है जो जीनोम (Genome) में दो बार अपना रूप  बदल चुका है। वायरस खुद को लंबे समय तक प्रभावी रखने के लिए लगातार अपनी जेनेटिक संरचना(Genetic structure) में बदलाव लाते रहते हैं। ताकि उन्हें खत्म ना किया जा सके। दो तरह के वायरस म्यूटेशन(virus mutation) के कारण ही यह बेहद खतरनाक माना जा रहा है। इंडिया टुडे की एक अलग रिपोर्ट(report) में कहा गया है कि यह E484K सहित आनुवंशिक वैरिएंट(Genetic variant) के एक अलग सेट की विशेषता है।इसे एक प्रमुख प्रतिरक्षा संस्करण(Immune version) कहा जा रहा है। यानी ये प्रतिरक्षा (Immunity) से बचा सकता है। भले ही किसी व्यक्ति को पहले कोरोना वायरस हो चुका हो फिर भी ये नया वैरिएंट( new varient) इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी(Antibodies) का उत्पादन नहीं करने देगा।

विशेषज्ञों की राय

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि  वायरस के  दोनों म्यूटेशन- E484Q और L425R.. वायरस के महत्वपूर्ण स्पाइक प्रोटीन(Spike protein) में स्थित थे- जो इसे शरीर(body) में रिसेप्टर कोशिकाओं (Receptor cells) से जोड़ता है। म्यूटेशन(mutation) का तत्काल प्रभाव से अध्ययन किया जाना चाहिए। लेकिन फंड की कमी और कोरोना के गिरते मामलों के कारण नवंबर और जनवरी के बीच हो रही जीनोम सीक्वेंसिंग(Genome sequencing) बंद हो गई।  अब B.1.167 में एक तीसरे म्यूटेशन की पहचान की गई है।विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इस बार, इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

कहां मिला है कोरोना का ट्रिपल म्यूटेट

ट्रिपल म्यूटेंट स्ट्रेन भारत के लिए अगली चुनौती हो सकता है और तबाही से पहले इसे हराना होगा। इस समय इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी की जरूरत है। सीधे शब्दों में कहें तो अब मिले ट्रिपल म्यूटेशन वेरिएंट(Triple mutation strain) में कोरोना के तीन स्ट्रेन मिले हैं। यह एक साथ मिलकर एक नया वेरिएंट बनाते हैं। अभी तक महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और दिल्ली, छतीसगढ में कोरोना के ट्रिपल म्यूटेशन वेरिएंट के मिलने की खबर है। जहां यह कोरोना का ट्रिपल म्यूटेटे वायरस मिला है वहां पहले ही हालत खराब है। एक्सपर्ट का कहना है कि B.1.618 नया वैरिएंट बंगाल में 130 से 129 सैंपल में पाया गया है। म्यूटेंट को पूरी तरह से समझने के लिए विशेषज्ञों ने आगाह किया है।

24 घंटे में देशभर में 2 लाख 95 हजार 41 केस

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटे में भारत में 2 लाख 95 हजार 41 लोग कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित हुए है। जबकि इस दौरान 2023 लोगों की जान गई। इसके बाद भारत में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 1 करोड़ 56 लाख 16 हजार 130 हो गई है और 1 लाख 82 हजार 553 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। देश में कोविड-19 के एक्टिव मरीजों की संख्या 21 लाख 57 लाख 538 पहुंच गई। इसे भी पढ़ें COVID Isolation: एक्सपर्ट से जानिए घर पर रहकर कोरोना की जांच और उपचार कैसे करें..
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