
नई दिल्ली | CBSE 12वीं की परीक्षा को रद्द करने का फैसला कल आ गया था. सुप्रीम कोर्ट में परीक्षा रद्द करने की मांग पर चल रही सुनवाई को अब दो हफ्तों के लिए स्थगित कर दिया गया है. कोर्ट ने CBSE परीक्षा नहीं लिए जाने की स्थिति में वैकल्पिक मूल्यांकन मानदंड तैयार करने के लिए कहा है. इसे तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड को 2 सप्ताह का समय दिया है. इस अंतराल के बाद बोर्ड को यह बताना होगा कि वह छात्रों का रिजल्ट किस प्रकार तैयार करने वाले हैं. कोर्ट ने कहा है कि यह समय इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि बोर्ड को सभी विकल्पों पर विचार करना होगा क्योंकि यह बच्चों के भविष्य का मामला है.
मूल्यांकन के मानदंड पर सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई रुचि
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता में cbse से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट या जानना चाहता है कि बिना परीक्षा परिणामों को घोषणा करने की सीबीएसई के पास क्या योजना है. बता दें कि अधिवक्ता अनूप श्रीवास्तव द्वारा सुप्रीम कोर्ट में आज एक और याचिका दायर की गई है कि सॉन्ग कहा गया है कि देश के सभी 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में होने वाली 12वीं की परीक्षा को स्थगित किया जाए जिससे समानता की स्थिति बनी रहे.
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CBSE ने मांगा 4 सप्ताह का समय
मूल्यांकन के मानदंड पर सीबीएसई की ओर से कहा गया कि यह एक पेचीदा मामला है इसमें समय लगेगा. सीबीएसई के वकील ने कहा कि हमें कई शिक्षकों से बातचीत करने के बाद निर्णय लेना होगा उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हमें मूल्यांकन संबंधी योजना बनाने में कम से कम 4 सप्ताह का समय लगेगा. सीबीएसई के समय मांगने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जितनी जल्दी हो सके निर्णय लें ताकि विदेशों में जाकर पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए ज्यादा लेट ना हो जाए.
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