nayaindia Chhattisgarh Farmers Extended Hands to Satisfy the Hunger of Cattle छत्तीसगढ़ में मवेशियों की भूख मिटाने किसानों ने बढ़ाया हाथ
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छत्तीसगढ़ में मवेशियों की भूख मिटाने किसानों ने बढ़ाया हाथ

ByNI Desk,
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रायपुर। कई इलाकों में किसान द्वारा पैरा जिसे पलारी भी कहते हैं, उसे जलाने की बढ़ती प्रवृति मुसीबत का कारण बन गई है, क्योंकि इससे प्रदूषण बढ़ता है। मगर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के किसानों ने मवेशियों की भूख मिटाने के लिए हाथ बढ़ाया है। इसी का नतीजा है कि यहां के किसान अब तक लगभग 14 लाख क्विंटल पैरा दान कर चुके है। देश के अन्य हिस्सों की तरह छत्तीसगढ़ में भी पैरा जलाने से प्रदूषण फैलता है, दूसरी तरफ मवेशियों केा आसानी से भोजन नहीं मिल पाता था। लिहाजा राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने प्रदेश के किसानों से पैरादान करने की अपील की, परिणामस्वरूप प्रदेश भर में किसान पैरादान कर रहें है। पिछले दो माह में लगभग 13 लाख 89 हजार क्विंटल से अधिक पैरा गौठानों में संग्रहित किया जा चुका है। 

मुख्यमंत्री ने पैरादान को महादान की संज्ञा देते हुए कहा है कि किसान अपने खेतों में पैरा जलाने के बजाए गौठान में दान करें, इससे प्रदूषण से राहत मिलेगी और पशुओं को चारा भी मिलेगा। इसके अलावा पैरा का उपयोग वर्मी कम्पोस्ट बनाने में किया जा सकेगा। गौरतलब है कि भेंट-मुलाकात अभियान (Visitation Campaign) के दौरान विभिन्न स्थानों पर मुख्यमंत्री ने किसानों से पैरादान करने की अपील कर रहें है। इसका असर अब गांव-गांव में दिखने लगा है। किसान स्वयं पैरादान करने पहुंच रहें हैं। प्रदेश के सभी 33 जिलों में पैरादान हुआ है। दिसम्बर और जनवरी में इकी कुल मात्रा 13 लाख 89 हजार 374 क्विंटल है। इसमें रायपुर में एक लाख 88 हजार 656 क्विंटल, जांजगीर-चांपा एक लाख 41 हजार 809, धमतरी में एक लाख 21 हजार 766 क्विंटल, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में एक लाख 4हजार 607 क्विंटल और मुंगेली में 80 हजार 01 क्विंटल पैरादान हुआ है। रायपुर जिलें में फसल कटाई के पश्चात खेतों में पड़े पैरे एकत्रित करने के लिए शासन द्वारा बेलर मशीन की व्यवस्था की गई है। 

बेलर मशीन से एकत्रित पैरे का उपयोग गौठानों में पशुओं के लिए नि:शुल्क चारा उपलब्ध कराया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा किसानों से पैरादान करने की अपील करते हुए कहा है कि किसान अधिक से अधिक संख्या में फसल अवशेष प्रबंधन करें, जिससे मुख्यमंत्री की मंशानुरूप निकटतम गौठानों में, पैरादान के माध्यम से पशुचारा उपलब्ध हो सके। इसी तरह जिला प्रशासन जांजगीर-चांपा द्वारा जिले में पैरादान के लिए किसानों को लगातार प्रेरित किया गया, जिससे जिले के किसान स्वस्फूर्त आगे आकर सतत रूप से पैरादान कर रहे हैं, जिस कारण जांजगीर-चांपा (Janjgir-Champa) में रिकॉर्ड पैरादान हुआ। यहां प्रथम चरण में 10 से 15 दिसम्बर तक और दूसरे चरण में 26 से 30 दिसम्बर तक पैरादान महोत्सव का आयोजन किया गया। 

परिणामस्वरूप जांजगीर-चापां (Janjgir-Champa) के किसानों द्वारा 1 लाख 41 हजार 809 क्विंटल का पैरादान गोठानों में किया गया है। जांजगीर-चांपा (Janjgir-Champa) जिले में सुराजी गांव योजना (Suraji Village Scheme) के तहत बनाए गए गोठानों में गायों के लिए साल भर के लिए पैरा की कमी न हो और पैरा एकत्रित हो सके, इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा किसानों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही किसानों को पैरा नहीं जलाने को लेकर सतत रूप से जागरूक किया जा रहा है। (आईएएनएस)

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