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चंदा कोचर को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं

ByNI Desk,
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चंदा कोचर को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं
नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख रहीं चंदा कोचर को बैंक से हटाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी यानी सीईओ और प्रबंध निदेशक रहीं चंदा कोचर को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। बैंक के सीईओ और एमडी के पद से बरखास्त किए जाने के खिलाफ उन्होंने याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया। इससे पहले बांबे हाई कोर्ट ने भी उनकी याचिका ठुकरा दी थी। उन्होंने बांबे हाई कोर्ट के फैसले को ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि यह मामला एक निजी बैंक और उनके कर्मचारी के बीच का है। इसे पर्सनल सर्विस कॉन्ट्रैक्ट का केस मानते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ और एमडी रहते हुए चंदा कोचर पर 3,250 करोड़ रुपए के लोन में गड़बड़ियों का आरोप है। बैंक ने उन पर पति दीपक कोचर को फायदा पहुंचाने के लिए वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने का आरोप लगाया है। इसी आरोप में उन्हें बरखास्त किया गया था। हाई कोर्ट में दायर याचिका में कोचर ने कहा था कि बैंक ने उन्हें फरवरी 2019 में बरखास्त करने की सूचना दी। जबकि, अक्टूबर 2018 में ही उनकी जल्दी रिटायर होने की अर्जी मंजूर हो चुकी थी। कोचर के मुताबिक, 30 जनवरी 2019 को उन्हें बैंक के चीफ एचआर ऑफिसर ने बताया था कि उनके बैंक से अलग होने को बरखास्तगी माना जाएगा। बोर्ड ने रिटायर्ड जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा की जांच रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला किया था। साथ ही, उन्हें अप्रैल 2009 से मार्च 2018 के बीच मिले बोनस की रकम भी लौटाने को कहा गया। इस दौरान कोचर को 7.4 करोड़ रुपए का बोनस मिला था।
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