नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के शिक्षकों ने हटाए गए तदर्थ शिक्षकों को पुन: लिए जाने की मांग को लेकर सोमवार को हड़ताल की। हड़ताल का आह्वान दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) ने किया था। डूटा के कार्यकारी सदस्य ने कहा कि देशबंधु, रामजस और लक्ष्मीबाई महाविद्यालयों के साथ साथ वाणिज्य एवं मनोविज्ञान विभाग के तदर्थ शिक्षकों को ‘हटाए’ जाने की खबरों के बीच इस हड़ताल का आयोजन किया गया।
डूटा सदस्य ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों ने कक्षाओं का बहिष्कार किया। यह एक पूर्ण हड़ताल थी। तदर्थ शिक्षकों को हटाए जाने के विरोध में डूटा ने हड़ताल का आह्वान किया था। हाल में डूटा कार्यकारिणी ने एक बैठक की और कहा कि विभिन्न कॉलेजों और विभागों में आयोजित साक्षात्कार के बाद सेवारत शिक्षकों को हटाया गया है।
डूटा ने 30 सितंबर को अपने एक बयान में कहा कि डीयू में सेवारत शिक्षकों का विस्थापन डीबीसी (देशबंधु), रामजस और लक्ष्मीबाई कॉलेजों के साथ-साथ वाणिज्य और मनोविज्ञान विभाग में हुआ है। बयान में कहा गया है कि डूटा इस तरह के विस्थापन की निंदा करता है और कॉलेज प्रशासन से इसकी समीक्षा का अनुरोध करता है क्योंकि यह संस्थान में सेवा दे चुके उन लोगों की आजीविका का मामला है।
डूटा ने मांग की है कि 2019 से पहले सृजित और तदर्थ व्यवस्था के माध्यम से भरे गए पदों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित नहीं किया जाना चाहिए। (भाषा)
डूटा ने तदर्थ शिक्षकों को पुन: लेने के लिए हड़ताल की
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