
नई दिल्ली। भारत के सबसे गौरवशाली सैन्य अभियान यानी 1971 की लड़ाई में शहीद सैनिकों की याद में इंडिया गेट पर जलाई गई अमर जवान ज्योति हमेशा के लिए बुझ गई है। पिछले साल ही इस ऐतिहासिक युद्ध के 50 साल पूरे हुए हैं और उसके तुरंत बाद इसे हमेशा के लिए बुझा दिया गया। अब नए बने समर स्मारक यानी नेशनल वार मेमोरियल में जो ज्योति जलाई गई है वहीं जलती रहेगी। अमर जवान ज्योति की लौ भी उसी में मिला दी गई है। शुक्रवार को एक समारोह में अमर जवान ज्योति को समर स्मारक ले जाया गया और वहां की ज्योति में मिला दिया गया।
यह भी पढ़ें: विदेश नीति में क्या होता हुआ?
गौरतलब है अमर जवान ज्योति 1971 के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में जलाई गई थी। तब की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसकी लौ जलाई थी। नया समर स्मारक 2019 में बना है। हालांकि केंद्र सरकार कहा है कि अमर जवान ज्योति की मशाल की लौ को बुझाया नहीं जा रहा है, बल्कि इसे राष्ट्रीय समर स्मारक की ज्वाला में मिलाया गया है। लेकिन विपक्षी पार्टियों ने इसकी तीखी आलोचना की है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार की आलोचना के साथ ही फिर से ज्योति जलाने का संकल्प भी जाहिर किया है।
बहरहाल, नई दिल्ली स्थित इंडिया गेट पर अमर जलाव ज्योति की लौ को समर स्मारक की ज्योति में मिलाने का कार्यक्रम शुक्रवार की शाम चार बजे के करीब संपन्न हुआ। अमर जवान ज्योति को मशाल वाहक नेशनल वार मेमोरियल तक ले गए। मार्च पास्ट के साथ अमर जवान ज्योति को स्मारक की ओर ले जाया गया। अब जवानों की श्रद्धांजलि की ज्योति वहीं जलेगी। अब तक इंडिया गेट पर एक अनाम शहीद की टोपी राइफल के ऊपर रखी गई थी और वहां हमेशा एक ज्योति जलती रहती थी।
अमर जवान ज्योति की मशाल बुझा कर समर स्मारक में मिला देने के मामले में केंद्र सरकार का कहना है कि 1971 के युद्ध में शहीद भारतीय सैनिकों से किसी का भी नाम इंडिया गेट पर उल्लेखित नहीं है, वहां सिर्फ प्रथम विश्व युद्ध में शहीद जवानों के नाम ही अंकित हैं। इसके उलट नेशनल वार मेमोरियल में 26 हजार से ज्यादा जवानों के नाम उल्लेखित हैं, जो 1971 की लड़ाई में शहीद हुए थे। इसलिए बेहतर होगा कि इस लौ को स्मारक में लाया जाए।