नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के चुनाव (election) में अपने आपको पुनर्जीवित करने की लड़ाई में जुटी कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष (Congress Delhi Pradesh President) अनिल चौधरी (Anil Chaudhary) अपना ही वोट नहीं डाल पाए। वोटर लिस्ट में उनका नाम ही नहीं था। दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने इसके लिए भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों को जिम्मेदार बताते हुए आरोप लगाया कि सिर्फ उनका नाम ही नहीं बल्कि दिल्ली में एक लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम को वोटर लिस्ट से डिलीट कर दिया गया है।
चौधरी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर दिल्ली में भी खासतौर से दलित और मुस्लिम बाहुल्य इलाके में मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब है और इसके लिए भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों ही जिम्मेदार है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इससे पहले के चुनावों में वो वोट डाल चुके हैं और पूर्व विधायक होने के नाते वो चिन्हित मतदाता हैं, जिनका नाम काटा नहीं जा सकता, लेकिन इसके बावजूद उनका नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया है।
चौधरी ने कहा कि चुनाव आयोग में शिकायत की है लेकिन कोई यह बताने को तैयार नहीं है कि उनका नाम क्यों काटा गया? उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कंट्रोल रूम में लोग लगातार फोन कर यह कह रहे हैं कि उनका नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव में मतदाताओं को वोट डालने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है और अरविंद केजरीवाल की चुप्पी भी इस पर सवाल खड़े कर रही है। (आईएएनएस)