नई दिल्ली। दिल्ली में सात साल पहले हुए निर्भया कांड में सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के चार दोषियों में से एक दोषी की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। मौत की सजा पाए बाकी तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका पहले ही खारिज की जा चुकी है। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों के पास सुधारात्मक याचिका दायर करने और दया याचिका देने का रास्ता बचा हुआ है। ये दोनों रास्ते बंद होंगे तब चारों के लिए डेथ वारंट जारी होगा।
निर्भया कांड के चार दोषियों में से एक की मौत की सजा की पुष्टि करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 2017 के अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिका खारिज कर दी। मुजरिम अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका खारिज होने के साथ ही अब निर्भया मामले में मौत की सजा का फैसला बरकरार रखने के सर्वोच्च अदालत के फैसले के खिलाफ चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिकाएं खारिज हो गई हैं।
सर्वोच्च अदालत ने पिछले साल नौ जुलाई को मौत की सजा बहाल रखने के फैसले पर पुनर्विचार के लिए दोषी मुकेश कुमार, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की याचिकाएं पहले ही खारिज कर दी थीं। जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए अपने 20 पन्नों के फैसले में कहा कि 2017 के सर्वोच्च अदालत के फैसले में कोई ऐसी खामी नहीं है, जिसकी वजह से उस पर फिर से विचार किया जाए।
पीठ ने कहा- पुनर्विचार याचिका बार-बार सारे सबूतों की विवेचना के लिए फिर से अपील पर सुनवाई करना नहीं है। कोई पक्षकार अपील पर फिर से सुनवाई और नए फैसले के लिए पुराने फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध करने का हकदार नहीं है। अदालत ने कहा- सारी परिस्थितियों और यह मामला दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी में आने की वजह मौत की सजा की पुष्टि की जाती है। सर्वोच्च अदालत ने अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करने के एक घंटे के भीतर ही अपना फैसला सुनाया।
इस याचिका पर सुनवाई के दौरान निर्भया के माता-पिता भी अदालत में मौजूद थे। फैसले के बाद अदालत से बाहर आते ही निर्भया की मां के आंसू निकल गए। इससे पहले अदालत ने कहा कि उसे पांच मई, 2017 के फैसले के निष्कर्षों और सबूतों में किसी प्रकार की कोई खामी नजर नहीं आती। पुनर्विचार याचिका में बताया गया एक भी कारण पांच मई, 2017 के फैसले पर विचार के योग्य नहीं है। इसलिए, इसे खारिज किया जाता है।