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महाठग के सहारे भाजपा की राजनीति!

ByNI Political,
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महाठग के सहारे भाजपा की राजनीति!
आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दूध के धुले नहीं हैं। उन्होंने जब दिल्ली में एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता को राज्यसभा की टिकट दी तो आरोप लगे थे कि पैसे के बदले में टिकट दी गई है। पंजाब में भी दो कारोबारियों को राज्यसभा भेजने के फैसले पर इसी तरह के सवाल उठे थे। इसके बावजूद जेल में बंद महाठग सुकेश चंद्रशेखर के आरोप बेहूदहगी से ज्यादा कुछ और नहीं हैं। उससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि मीडिया में उस ठग को ऐसे पेश किया जा रहा है, जैसे उसको ठग लिया गया है और सबसे ज्यादा हैरानी इस बात पर है कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा उस ठग के आरोपों पर राजनीति कर रही है! तिहाड़ जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर ने दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना को चिट्ठी लिख कर आरोप लगाया कि उसने जेल में अपनी सुरक्षा के लिए प्रोटेक्शन मनी के तौर पर सत्येंद्र जैन को 10 करोड़ रुपए दिए। ध्यान रहे जैन भी तिहाड़ जेल में बंद हैं और जेल जाने से पहले वे जेल मंत्री थे। सुकेश का दूसरा आरोप यह है कि दक्षिण भारत में आम आदमी पार्टी का कोई पद लेने और राज्यसभा के लिए उसने पार्टी को 50 करोड़ रुपए दिए। उसने दावा किया है कि दिल्ली में एक फार्म हाउस में अरविंद केजरीवाल भी मिले थे और पांच सौ करोड़ रुपए जुटाने की बात हुई थी। सुकेश ने अपनी एक दूसरी चिट्ठी में लिखा है कि उसने सत्येंद्र जैन और कैलाश गहलोत को पैसे दिए थे। केजरीवल और उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ लगाए जा रहे इन आरोपों का कोई मतलब नहीं है और न इनका कोई आधार है। इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी इतनी बेचैन है कि उसने जेल में बंद एक ठग के आरोप पर न सिर्फ जांच की मांग की है, बल्कि मुख्यमंत्री केजरीवाल का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की मांग भी कर दी है। सोचें, सुकेश चंद्रशेखर 2017 के बाद से लगातार जेल में ही है। उसके खिलाफ कुल 30 एफआईआर दर्ज हैं। दिल्ली पुलिस ने अन्ना डीएमके के नेता से चुनाव आयोग में रिश्वत देने के नाम पर 50 करोड़ रुपए रिश्वत लेने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया था। बाद में फोर्टिस हेल्थकेयर के प्रमोटर शिवेंदर सिंह की पत्नी से दो करोड़ रुपए की ठगी करने के आरोप में उसे अलग से गिरफ्तार किया गया। गुजरात चुनाव में आम आदमी पार्टी की सक्रियता और दिल्ली में नगर निगम चुनावों की घोषणा की तैयारियों के बीच सुकेश ने पहली बार आम आदमी पार्टी के नेताओं और केजरीवाल पर आरोप लगाए। यह अपने आप में संदेह पैदा करने वाली बात है कि पांच साल से जेल में बंद सुकेश ने पहले किसी का जिक्र क्यों नहीं किया? क्यों अचानक चुनाव से पहले उसने आरोप लगाने शुरू किए? क्यों उसके आरोप लगाते ही मीडिया ने उसे उछालना शुरू किया और भाजपा के सारे नेता उस पर राजनीति करने लगे? भाजपा को लग रहा है कि इससे चुनावी लाभ होगा लेकिन इससे भाजपा की दरिद्रता दिख रही है। नगर निगम पर 15 साल से उसका कब्जा है और उसके पास कुछ भी उपलब्धि दिखाने को नहीं है। इसलिए एक ठग के आरोपों पर राजनीति कर रही है।
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