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निर्भया के दोषियों को फांसी तय!

ByNI Desk,
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निर्भया के दोषियों को फांसी तय!
नई दिल्ली। सात साल बाद आखिरकार निर्भया को न्याय मिलने की घड़ी आ गई। निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसे अमानवीय यातना देने और अंततः उसकी मौत का कारण बने चार दोषियों का डेथ वारंट जारी हो गया है। अदालत ने चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी पर लटकाने का आदेश दिया है। हालांकि अभी आरोपी सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दायर कर सकते हैं। बहरहाल, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को निर्भया के दुष्कर्मियों का डेथ वारंट जारी किया। निर्भया के माता-पिता की याचिका पर फैसला सुनाते हुए पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा- चारों दोषियों अक्षय कुमार सिंह, पवन गुप्ता, मुकेश और विनय शर्मा को 22 जनवरी को सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाए। फैसला अतिरिक्त सत्र न्यायधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने सुनाया। जिन दोषियों को फांसी की सजा सुनाई जाती है, उनके डेथ वारंट निचली अदालत ही जारी करती है। निर्भया केस में वारदात के 2578 दिन बाद डेथ वारंट जारी हुआ है। 16 दिसंबर 2012 को निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और अमानवीय यातना का शिकार हुई थी। नौ महीने बाद यानी सितंबर 2013 में निचली अदालत ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। मार्च 2014 में हाई कोर्ट और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी। सुप्रीम कोर्ट से सजा बरकरार रख जाने के ढाई साल बाद तक सजा पर अमल नहीं हो पाया है। बहरहाल, जेल मैनुअल के मुताबिक, दोषी डेथ वारंट के खिलाफ 14 दिन में हाई कोर्ट में अपील कर सकते हैं, नहीं तो दोषियों को तय तारीख पर फांसी दे दी जाएगी। हाई कोर्ट भी डेथ वारंट बरकरार रखे, तो दोषी सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। दोषी मई 2017 के सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ भी सुधारात्मक याचिका लगा सकते हैं, जिसमें फांसी की सजा बरकरार रखी गई थी। दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा भी है कि वे एक-दो दिन में सुधारात्मक याचिका दाखिल करेंगे। पांच जजों की बेंच इस पर सुनवाई करेगी। इस बीच निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि उनकी बेटी को इंसाफ मिल गया है। उन्होंने कहा- दोषियों की फांसी देश की महिलाओं को ताकत देगी। डेथ वारंट के फैसले से लोगों का न्यायपालिका पर भरोसा मजबूत हुआ। निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा- मैं अदालत के फैसले से खुश हूं। यह फैसला इस तरह का अपराध करने वालों के मन में डर पैदा करेगा। दूसरी ओर दोषियों के वकील एपी सिंह और एमएल शर्मा मे कहा है कि उनको सुधारात्मक याचिका दायर करने के लिए समय दिया जाए। जबकि सरकारी वकील राजीव मोहन का कहना है कि दोषियों के वकील मामले को लंबा खींचना चाहते हैं। पहले ही उनको बचाव का बहुत सारा मौका दिया जा चुका है। इसे भी पढ़ें :- प्रशांत भूषण किसी और मामले का सहारा नहीं ले सकते : सुप्रीम कोर्ट  
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