
सूरत | PETA Awards India : मकर सक्रांति के मौके पर आसमानों में उढ़ने वाले पतंगों के कारण हर साल कई पक्षियों की जान मुश्किल आ जाती है. इसके लिए हर साल लोगों से संभल कर और सीमित संख्या में पतंगबाजी के लेिए भी अपील की जाती है. ऐसे में गुजरात के सूरत में पेटा इंडिया ने एक खमण (ढोकला) विक्रेता को लोगों को मांझे या नायलॉन के धागे के उपयोग से रोकने को लेकर की गई पहल के लिए पुरस्कृत किया गया. कहा गया कि उनकी इस पहल के कारण कई पक्षियों की जान बची औऱ उन्होंने दूसरों को ऐसा करने के लिए भी प्रेरित किया.
एक किलोग्राम मांझे के बदले में एक Kg खमण
PETA Awards India : पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स ( PETA India) ने एक विज्ञप्ति में कहा कि चेतन पटेल ने 14 जनवरी को मनाए जाने वाले उत्तरायण उत्सव के बाद इधर-उधर फैले एक किलोग्राम मांझे के बदले में एक किलो खमण देने की पेशकश की थी. सूरत शहर के वेसु क्षेत्र में ‘जय गोपीनाथ खमण और लोचो’ के मालिक पटेल को हाल में प्रमाण पत्र के रूप में ‘‘हीरो टू एनिमल्स अवार्ड’’ सौंपा गया.
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पटेल की पहल ने कायन की मिसाल
PETA Awards India : पेटा इंडिया की एडवोकेसी एसोसिएट फरहत उल ऐन ने कहा कि कई लोग और हजारों पक्षी हर साल पेड़ों, बिजली की लाइन या इमारतों में मांझा के फंसने के कारण घायल हो जाते हैं या जान गंवाते हैं. पेटा इंडिया ने कहा कि पटेल की पहल ने सभी के लिए करुणा की एक मिसाल कायम की है. मांझे में फंसने के कारण पक्षियों के पंख और पैर कट जाते हैं और कई उड़ने में लाचार हो जाते हैं.
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