
अहमदाबाद | Gujrat Election 2023 : पार्टी छोड़ने के बाद से लगातार कांग्रेस पर हमलावर हार्दिक पटेल पर कांग्रेस में भी पलटवार किया है. गुजरात कांग्रेस के एक बड़े नेता ने दावा किया है कि इस साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के कांग्रेस छोड़ने से पार्टी के प्रदर्शन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हार्दिक अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं. वहीं कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पटेल केवल टीवी के शेर हैं. कांग्रेस को 2017 में पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग करने वाले पटेल के आंदोलन से लाभ हुआ था. लेकिन 2019 में उनके कांग्रेस में शामिल होने के बाद से पार्टी के प्रति समुदाय का समर्थन कमजोर हुआ है. पटेल ने पिछले सप्ताह पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.
आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूँ। मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊँगा। pic.twitter.com/MG32gjrMiY
— Hardik Patel (@HardikPatel_) May 18, 2022
2017 में मिली थी कांग्रेस को करीबी हार…
Gujrat Election 2023 : राज्य की 182 सदस्यीय विधानसभा में मात्र 9 सीट कम होने के कारण कांग्रेस 2017 गुजरात चुनाव में पीछे रह गई थी. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस के लिए सत्तारूढ़ भाजपा से अब मुकाबला करना आसान नहीं होगा. कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने कहा कि सोशल मीडिया पर लोगों की टिप्पणियां देखिए… सभी कांग्रेस छोड़ने के हार्दिक के कदम के खिलाफ हैं. उन्होंने अपनी विश्वसनीयता खो दी है. लेकिन, राजनीतिक विश्लेषक दिलीप गोहिल ने कहा कि कांग्रेस की स्थिति इस बार पहले से ही कमजोर है और 2017 चुनाव से पहले पाटीदार आरक्षण आंदोलन के कारण जो माहौल बना था, इस बार ऐसा कोई माहौल नहीं है.
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कांग्रेस को AAP से है चुनौती…
Gujrat Election 2023 : आंकड़ों की मानें तो अभी के हालातों में कांग्रेस की स्थिति खासा अच्छा नहीं है और पाटीदार समुदाय के कई लोगों ने 2019 के लोकसभा चुनाव और उसके बाद पंचायत एवं नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस को वोट नहीं दिया. इन चुनावों में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की. इसलिए माना जा रहा है कि हार्दिक के इस्तीफे के कारण कांग्रेस पर जमीनी स्तर पर कोई असर नहीं पड़ेगा. वह आरक्षण आंदोलन के दौरान मीडिया के पसंदीदा थे, इसलिए उनके कांग्रेस छोड़ने की खबर सुर्खियों में आई, लेकिन अब वह केवल टेलीविजन के शेर बनकर रह गए हैं. कई जानकारों की मानें तो कांग्रेस के सामने राज्य में आम आदमी पार्टी (AAP) के बढ़ते कदम समेत और भी कई चुनौतियां है.
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