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Corona Fight: देश में स्वास्थ्य सुविधाओं में नंबर 1 है पुणे , जानें क्या है आपके शहर की स्थिति 

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Corona Fight: देश में स्वास्थ्य  सुविधाओं में नंबर 1 है पुणे , जानें क्या है आपके शहर की स्थिति 
New Delhi : देश में कोरोना की दूसरी लहर ने स्वास्थ्य संबंधित कामों की देशबर में पोल खोल कर रख दी है. इससे पहले भी कोरोना के शुरू होने पर राज्यों ने कई तरह के दावे किये थे. स्वास्थ्य सुविधाओं से बुनियादी ढांचे से जुड़े मानदंडों के लिहाज से देश के प्रमुख शहरों की रैंकिंग की गयी है. इस रैंकिंग में शीर्ष आठ शहरों में पुणे पहले स्थान पर रहा. वहीं दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सबसे निचले स्थान पर रहा है. स्वास्थ्य ढांचे से जुड़े मानदंडों में अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या, हवा-पानी की गुणवत्ता और स्वच्छता जैसे कई मानदंडों को शामिल किया गया है.  अमेरिकी मीडिया कंपनी न्यूज कॉर्प और उसकी ऑस्ट्रेलियाई समूह कंपनी आरईए के स्वामित्व वाले रियल स्टेट पॉर्टल हाउसिंग डॉट कॉम ने बुधवार को 'भारत में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति' रिपोर्ट जारी की.

देश के 8 बड़े शहरों को किया गया था शामिल

रिपोर्ट में भारत के सबसे बड़े आठ शहरों में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के हिसाब से रैंकिंग तैयार की गई है. इन शहरों में अहमदाबाद, बेंगलुरू, चेन्नई, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) और पुणे शामिल हैं. रैंकिंग प्रति 1,000 लोगों पर अस्पताल के बिस्तरों की संख्या, वायु गुणवत्ता, जल गुणवत्ता, स्वच्छता, रहने लायक स्थिति के इंडेक्स जैसे मानदंडों के हिसाब से तय की गयी है और अस्पताल के बिस्तरों की संख्या के लिए सबसे ज्यादा 40 प्रतिशत अंक दिए गए हैं. पोर्टल ने कहा  है कि  "स्वास्थ्य ढांचे के लिहाज से पुणे देश का सबसे अग्रणी शहर है और जहां प्रति 1,000 लोगों पर बिस्तरों की संख्या 3.5 है. पुणे रहन- सहन, पानी की गुणवत्ता तथा स्थानीय सरकार द्वारा उठाये गये बेहतर कदमों के लिहाज से भी मानदंडों में बेहतर स्थान पाने में सफल रहा है.

1,000 लोगों पर 1 डॉक्टर भी नहीं

भारत में प्रत्येक 1,000 लोगों पर मात्र 0.86 डॉक्टर उपलब्ध हैं जबकि दुनिया की अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में यह संख्या प्रत्येक 1,000 लोगों पर दो-चार डॉक्टरों की है.रिपोर्ट के अनुसार भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में प्रति 1,000 लोगों पर निजी एवं सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों की कुल उपलब्धता को ध्यान में रखें तो यह संख्या केवल 1.4 है.प्रति 1,000 लोगों पर करीब 3.2 बिस्तरों के साथ अहमदाबाद सूची में दूसरे स्थान पर है. दिल्ली-एनसीआर के सूची में सबसे आखिरी स्थान पर आने की वजह क्षेत्र में हवा-पानी की खराब गुणवत्ता, स्वच्छता का अपेक्षाकृत खराब स्तर और नगर निगमों का खराब प्रदर्शन है. दिल्ली- एनसीआर में राष्ट्रीय राजधानी के साथ ही, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद शामिल है. इसे भी पढें- Corona पर कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग, Kapil Sibal बोले- आलोचना का नहीं, एक साथ खड़े होने का समय

किसे मिला कौन सा स्थान

हाउसिंग डॉट कॉम की स्वास्थ्य ढांचे की मौजूदगी से संबंधित इस सूची में मुंबई महानगर चौथे स्थान पर रहा है. जनसंख्या के मुकाबले अस्पताल में बिस्तरों की संख्या, वायु गुणवत्त और रहन सहन के खराब स्तर की वजह से उसका स्कोर कम रहा है.सूची में हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता को क्रमश: पांचवा, छठा और सातवां स्थान मिला है. हाउसिंग डॉट कॉम, मकान डॉट काम और प्राप टाइगर डॉट कॉम के समूह मुख्य परिचालन अधिकारी मणि रंगराजन ने कहा, कि भारत एशिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवसथा है उसे अपने स्वास्थ्य ढांचे में खर्च काफी बढ़ाना होगा. भारत को गुणवत्ता परक स्वासथ्य ढांचा खड़ा करने की आवश्यकता है. इसे भी पढें- Indian Railway : भारतीय रेलवे ने कोरोना संक्रमण को देख रद्द की 31 ट्रेने, यात्रा करने से पहले कर ले चेक
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