नई दिल्ली | माननीय प्रधानमंत्री जी, कृपया कर अपने संबोधन में ‘फ्री’… के पहले अंक में हमने बात की थी प्रधानमंत्री के ‘फ्री’. शब्द से कैसे लोगों की भावनाएं आहत हो सकती है. आज हम बात करने जा रहे हैं उस विषय की जिसे पढने के बाद आप भी मानेंगे कि ये टीके आपको फ्री में तो नहीं मिल रहा है. देश के पेट्रोलियम मंत्री ने अपने 2 दिन पहले दिये गये बयान में ये स्पष्ट कर दिया था कि देश में फिलहाल पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम होने की कोई उम्मीद नहीं है. आगर आप उनके बयान को ध्यान से पढें तो उन्होंने ये अप्रत्यक्ष रूप से कह दिया था कि कोरोना के कारण जो हालात उत्पन्न हुए हैं उसके कारण भारत सरकार को लगातार टैक्स में घाटा हो रहा है. ऐसे हालातों में भारत सरकार के पास केवल और केवल पैसों की कमाई के लिए एक ही जरिया बचता है औऱ वो है पेट्रोलियम. अब अगर आप सोचते हैं तो पेट्रोल की कीमत पर सरकारों का कोई खास प्रभाव नहीं होता तो आपके मन में भी ये सवाल आना चाहिए कि यदि ऐसा है तो देश में विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव के दौरान हमेशा ही पेट्रोल की कीमतों में गिरावत क्यों आ जाती है. हालांकि हम ये नहीं कहते कि सिर्फ पेट्रोल और डीजल से ही सरकार के पास पैसे आते हैं. लेकिन इतना जरूर है आज देश जिस स्थिति में है उसमें भारत सरकार के लिए आय का एक उत्तम उपाय पेट्रोल डीजल भी है. इस बात की पुष्टि पेट्रोलियम मंत्री के बयान से भी होती है.
2014 के पहले की बात करें तो, आपत्ति
अगर इतिहास के पन्नों को पलट कर देखें तो पता चलता है कि भाजपा सरकार के पहले 2012-13 में कांग्रेस ने पेट्रोलियम से साल भर में ₹51690 करोड़ का टैक्स लिया था. अब जैसे ही हम 2014 के पहले की बात करते हैं तो कुछ लोगों को आपत्ति होती है. उनका कहना होता है कि उस समय और अभी की महंगाई में अंतर आ गया तो स्वाभाविक है कि यह राशि बढेगी ही. यह बात तो सही है क्या समय के साथ महंगाई बढ़ती है लेकिन अगर मात्र 1 साल के अंतर की बात करें तब तो शायद किसी को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए. तो आइए जानते हैं 2019 -20 और 2020 -21 में सरकार ने पेट्रोल से कितनी कमाई की.
भाजपा की भाजपा से ही तुलना, 73% बढ़ायी कमाई
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कोरोना और देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद को छोड़कर चलते लगातार बढ़ती रही. हालांकि बीच में कुछ विधानसभा चुनाव में तेलों की कीमत में गिरावट जरूर हुई पहले की नियम छोटे समय अवधि के लिए था. 2019-20 भारत सरकार ने पेट्रोल के टैक्स के रूप में आप से 165883 करोड़ की कमाई की. वहीं 2020-21 के आंकड़े शायद आपको विचलित कर सकते हैं क्योंकि इस दौरान देश में कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत थी और भारत सरकार ने आपसे 286557 करोड़ का टैक्स लिया. मतलब साफ है महज 1 साल में सिर्फ पेट्रोल में भारत सरकार ने अपनी कमाई 73% तक बढ़ा दी. भारत सरकार ने यह कमाई क्यों बढ़ाई यह तो आपको पेट्रोलियम मंत्री के बयान से समझ आ ही गया होगा.
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पेट्रोल भराने तो सब पहुंचते होंगे ना हुजूर
अब सवाल यह उठता है कि प्रधानमंत्री मोदी के फ्री वैक्सीनेशन के बयान पर लोगों को खुश होना लाजमी है . इस बात में कोई शक नहीं है कि पीएम मोदी का यह फैसला स्वागत योग्य है. लेकिन देश की जनता को ये दिखाना कि उन्हें जैसे कोई खैरात बांटी जा रही है, यह सही नहीं है. सोशल मीडिया में इस तरह की कई पोस्ट वायरल है जिसमें दर्शाया जा रहा है कि देश की जनता के तारणहार प्रधानमंत्री मोदी हैं. ऐसा बिल्कुल भी नहीं है यह देशवासियों का ही पैसा है और हर एक नागरिक ने पेट्रोल खरीद कर भारत सरकार को कमाई दी है जिसके बाद सरकार अब देश को फ्री वैक्सीन दे पा रही है.
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