
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि इस साल संसद का शीतकालीन सत्र नहीं होगा। सरकार ने आधिकारिक रूप से कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से इस बार दिसंबर में संसद का शीतकालीन सत्र नहीं बुलाया जाएगा। इसकी बजाए जनवरी में बजट सत्र के साथ ही शीतकालीन सत्र भी बुलाया जाएगा। गौरतलब है कि विपक्षी पार्टियां जल्दी से जल्दी शीतकालीन सत्र बुलाए जाने की मांग कर रहे थे।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी को पत्र लिख कर सरकार के फैसले की जानकारी दी है। जोशी के मुताबिक, सभी विपक्षी दलों ने आम सहमति से यह फैसला किया है कि कोरोना के चलते इस बार शीतकालीन सत्र न बुलाया जाए। हालांकि, कांग्रेस ने कहा है कि उससे जनवरी में बजट सत्र को लेकर सलाह नहीं ली गई।
इससे पहले अधीर रंजन चौधरी ने जोशी को पत्र लिख कर कहा था कि सरकार को जल्दी से जल्दी शीतकालीन सत्र बुलाना चाहिए ताकि कृषि कानूनों पर विचार किया जा सके। गौरतलब है कि किसान अपनी मांगों को लेकर 20 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। जोशी ने चौधरी के पत्र का जवाब दिया। इसमें लिखा कि सरकार ने कई विपक्षी दलों से बातचीत के बाद शीतकालीन सत्र न बुलाने का फैसला किया।
सितंबर में संसद का मॉनसून सत्र में भी कोविड-19 के चलते देरी हुई थी। मॉनसून सत्र की 10 लगातार बैठकों में कुल 27 बिल पास किए गए थे। इनमें कृषि कानून से जुड़ा विधेयक भी था। इसे ही लेकर अब किसान आंदोलन कर रहे हैं। जोशी ने अधीर रंजन चौधरी को लिखे पत्र में कहा है- यह दिसंबर का मध्य है। हम उम्मीद करते हैं कि कोविड वैक्सीन बहुत जल्द आएगी। इस बारे में मैंने कई पार्टियों के नेताओं से बातचीत की। इन नेताओं ने कोविड के हालात पर चिंता जताई। शीतकालीन सत्र आगे बढ़ाने पर भी विचार किया गया। सरकार अगला सत्र जल्दी बुलाना चाहती है। बेहतर होगा हम जनवरी 2021 में बजट सत्र बुलाएं।