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Right Or Wrong: समझाने के बाद भी बाहर घूम रहे थे संक्रमित, कलेक्टर ने 24 घंटे के लिए घर के बाहर लगवा दिया ताला

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Right Or Wrong: समझाने के बाद भी बाहर घूम रहे थे संक्रमित, कलेक्टर ने 24 घंटे के लिए घर के बाहर लगवा दिया ताला
Niwari : देशभर में कोरोना की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है. मध्यप्रदेश में हालात और भी ज्यादा खराब है. इन सबके बाद भी कुछ लोगों की लापरवाही प्रशासन के लिए भी सिरदर्द बनी हुई है. ताजा मामला मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले से है जहां कोरोना संक्रमितों के बार-बार घर के बाहर निकल कर घूमने की जानकारी प्रशासन को मिल रही थी. प्रशासन के कई बार समझाने के बाद भी संक्रमित नहीं मान रहे थे.  इसके बाद जिला कलेक्टर आशीष भार्गव जो किया उसे सही नहीं ठहराया जा सकता लेकिन इन परिस्थितियों में लोगों को भी थोड़ी जिम्मेवारी से काम लेना होगा. इसके पीछे का कारण भी है कि हम इस विपरीत परिस्थितियों में हर हालात का जिम्मेवार प्रशासन और सरकार को नहीं ठहरा सकते.  कुछ जिम्मेदारियां हमारी भी बनती हैं.

क्या है मामला

मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में रहने वाले कुछ लोगों के बाहर घूमने की सूचना प्रशासन को मिल रही थी. जानकारी के अनुसार कुछ स्थानीय लोग इस विषय में प्रशासन के पास बार-बार मदद की गुहार लगा रहे थे.  जब कई बार समझाने के बाद भी संक्रमित नहीं माने तो जिला कलेक्टर ने संक्रमित मरीजों के घर के बाहर ताला लगवा दिया. 24 घंटो तक घरों में बंद रहने के बाद जब मीडिया में खबरें वायरल होने लगी तो डीसी ने ताला खुलवा दिया. कलेक्टर ने इस संबंध में सफाई देते हुए कहा कि जिले में रोज डेढ़ सौ से 200 कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं ऐसे में लोगों की लापरवाही भारी पड़ सकती है उन्होंने कहा कि कोरोना से बिगड़े हालातों को देखते हुए कोरोना कर्फ्यू भी लगाया गया है. इसे भी पढें- India Covid 19 Update : कोरोना से हाहाकार! देश में 4 लाख पार हुआ नए संक्रमितों का आंकड़ा, 3523 लोगों ने गंवाई जान

सोशल मीडिया में मिली जुली प्रतिक्रिया

खबर के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया में भी लोगों ने इस पर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी.  कुछ लोगों का कहना था कि कलेक्टर के द्वारा लिया गया निर्णय सही था. वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि इन परिस्थितियों में ऐसा निर्णय कतई सही नहीं है प्रशासन को उनके घरों के आगे बैरिकेडिंग लगानी चाहिए थी.अगर उन्हें कुछ आकस्मिक जरूरत पड़ जाती और  अभाव में अगर किसी संक्रमित को कुछ हो जाता तो इसकी जिम्मेवारी कलेक्टर की ही बनती थी. कुछ लोग इसे निजता का अधिकार से जोड़ रहे हैं. लोगों का कहना है कि स्वतंत्रता हर व्यक्ति का अधिकार है लेकिन घर के बाहर ताला लगाना किसी भी मायने में सही नहीं है. इसे भी पढें-  Corona Relief: भारत को किया जा रहे मदद के लिए अमेरिकी सांसदों ने की बाइडन प्रशासन की प्रशंसा
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