nayaindia X-Band Doppler Weather Radar Inaugurated in Jammu-Kashmir जम्मू-कश्मीर में एक्स-बैंड डॉपलर वेदर रडार का उद्घाटन
जम्मू-कश्मीर

जम्मू-कश्मीर में एक्स-बैंड डॉपलर वेदर रडार का उद्घाटन

ByNI Desk,
Share

जम्मू। जम्मू और कश्मीर (Jammu-Kashmir) के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) और केंद्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Dr. Jitendra Singh) ने रविवार को भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) के 148वें स्थापना दिवस समारोह (148th Foundation Day Celebrations) के दौरान बनिहाल टॉप में संयुक्त रूप से एक्स-बैंड डॉप्लर वेदर रडार (X-Band Doppler Weather Radar) का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) और उनके हिमाचल प्रदेश के समकक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने भी वर्चुअल तौर पर भाग लिया।

उनके राज्यों के लिए डॉपलर मौसम रडार सिस्टम (Doppler Weather Radar System) का भी उद्घाटन किया गया। इस कार्यक्रम को वर्चुअल तौर पर संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने आईएमडी को 100 किलोमीटर की रेंज वाले डॉपलर वेदर रडार (DWR) के लिए बधाई दी, जो गंभीर मौसम की घटनाओं का पता लगाने और विभिन्न तीर्थयात्राओं, विशेष रूप से श्री अमरनाथ जी यात्रा के सुरक्षित संचालन में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि आईएमडी प्रतिकूल मौसम से लोगों के जीवन और आजीविका की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और जम्मू-कश्मीर को आपदारोधी बनाने में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज कर रहा है और पर्यटन जो जम्मू और कश्मीर की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है।

उपराज्यपाल ने कहा कि यूटी में सर्दियों में भारी बर्फबारी और गर्मियों में भारी बारिश होती है, जो इसे विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं जैसे बादल फटने, बिजली गिरने, भूस्खलन, फ्लैश फ्लड, बाढ़ और हिमस्खलन के लिए संवेदनशील बनाता है। विशेष रूप से बदलते जलवायु परिदृश्य में विभिन्न प्रकार के चरम मौसम के कारण भेद्यता को ध्यान में रखते हुए और समय पर पूवार्नुमान के लिए बेहतर और बेहतर मौसम सेवाएं प्रदान करने के लिए आईएमडी ने पहले जम्मू और श्रीनगर में एक-एक, दो डॉपलर मौसम रडार स्थापित किए थे। उन्होंने कहा कि बनिहाल टॉप में हाल ही में स्थापित एक से पर्यटकों और पर्यटन उद्योग को सुविधा होगी, हवाई जहाजों का सुरक्षित नेविगेशन और गंभीर मौसम की घटनाओं विशेष रूप से आंधी, भारी बारिश, ओलावृष्टि, भारी बर्फबारी आदि का पता लगाने में मदद मिलेगी। (आईएएनएस)

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें

Naya India स्क्रॉल करें