झारखंड में मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन के मंत्रिमंडल में विस्तार के बाद से कांग्रेस में और कुछ हद तक झारखंड मुक्ति मोर्चा में भी नाराजगी दिख रही है। कांग्रेस के 17 में से 12 विधायक नाराज हैं। उनका कहना है कि जब हेमंत सोरेन ने इस्तीफा दिया था और गिरफ्तार हुए थे तब कहा गया था कि नई सरकार में कांग्रेस के नए मंत्री बनेंगे। लेकिन कांग्रेस ने अपने सभी पुराने मंत्रियों को रिपीट कर दिया। चारों वही मंत्री बनाए गए, जो पहले हेमंत सोरेन के साथ थे। इससे नाराज 12 विधायकों ने एक अलग गुट बना लिया है और वे मांग कर रहे हैं कि मंत्रियों को बदला जाए और उनमें से कम से कम तीन लोगों को मंत्री बनाया जाए। इसके लिए 10 विधायक दिल्ली पहुंच गए।
लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस किसी मंत्री को बदलने नहीं जा रही है। पिछले चार साल से जो सिस्टम चल रहा है वही चलता रहेगा। कांग्रेस को अंदेशा है कि मौजूदा व्यवस्था में छेड़छाड़ करने से विवाद और बढ़ जाएगा। जिनको हटाया जाएगा वे नाराज होंगे और जो 12 विधायक अभी एकजुट दिख रहे हैं उनमें से जो आठ या नौ लोग मंत्री नहीं बन पाएंगे वे फिर बागी होकर अलग मोर्चाबंदी करेंगे। अभी 12 विधायकों की जो एकता दिख रही है वह तभी तक है, जब तक इनमें से किसी को मंत्री नहीं बनाया गया है। इसलिए कांग्रेस की ओर से इन विधायकों को समझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ध्यान रहे दो महीने में लोकसभा के चुनाव हैं और नौ महीने में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। पार्टी कुछ विधायकों को लोकसभा चुनाव लड़ाने पर भी विचार कर रही है। इसलिए वह अभी कोई बदलाव नहीं करेगी।