nayaindia Jharkhand Severe Electricity crisis झारखंड में बिजली का गंभीर संकट, भाजपा का सरकार पर हमला
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झारखंड में बिजली का गंभीर संकट, भाजपा का सरकार पर हमला

ByNI Desk,
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रांची। झारखंड में 40 से 45 डिग्री टेंपरेचर के बीच बिजली के गंभीर संकट से जनजीवन बेहाल है। राज्य में बिजली की डिमांड 2900 मेगावाट तक है, लेकिन सप्लाई 2200 मेगावाट तक है। पांच से सात सौ मेगावाट बिजली की कमी के चलते ज्यादातर शहरों में छह से लेकर 12 घंटे तक की कटौती हो रही है। रांची के सांसद संजय सेठ (Sanjay Seth) ने कैंडल की रोशनी में प्रेस कांफ्रेंस कर राज्य सरकार को घेरा।

आम लोगों के साथ-साथ इंडस्ट्री, हेल्थ, बिजनेस सेक्टर में पावर कट के चलते त्राहि-त्राहि की स्थिति बन रही है। इंडियन एनर्जी एक्सचेंज ने झारखंड राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के ऊपर 47 करोड़ की रकम बकाया होने के कारण झारखंड को अतिरिक्त बिजली देनी बंद कर दी है। संकट की यह सबसे बड़ी वजह है।

संकट की दूसरी वजह है कोडरमा स्थित डीवीसी (दामोदर वैली कॉरपोरेशन) (Damodar Valley Corporation) के पावर प्रोडक्शन प्लांट केटीपीएस की एक यूनिट तकनीकी वजहों से रविवार से ठप पड़ गई है। झारखंड के सात जिलों धनबाद, कोडरमा, गिरिडीह, हजारीबाग, रामगढ़, चतरा और बोकारो में डीवीसी ही बिजली की सप्लाई करता है। पिछले चार दिनों से इन जिलों में डीवीसी की ओर से 10 से 12 घंटों की लोड शेडिंग की जा रही है।

झारखंड बिजली (electricity) की जरूरतों के लिए मुख्य तौर पर इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के सेंट्रल पूल पर निर्भर है। यहां से बिजली लेने पर 75 दिनों के अंदर भुगतान करना पड़ता है। समय पर बिजली की कीमत न चुकाने पर बिजली स्वत: कट जाती है। जेबीवीएनएल ने इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के बकाया 47 करोड़ में 20 करोड़ का भुगतान किया है, शेष राशि 27 करोड़ का भुगतान आज कर दिए जाने की उम्मीद है। निगम के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इसके बाद सेंट्रल सेक्टर से मांग के अनुसार बिजली मिलने लगेगी। फिलहाल बिजली नहीं मिलने के कारण राजधानी रांची में भी जबर्दस्त लोड शेडिंग हो रही है। शहर को मांग से करीब 100 मेगावाट कम बिजली मिल रही है। जेबीवीएनएल के रांची एरिया बोर्ड के महाप्रबंधक पीके श्रीवास्तव ने कहा कि मांग के अनुरूप बिजली नहीं मिल पाने की वजह से संकट है। पीक आवर में रांची को 300 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है, लेकिन उपलब्धता 200 से 220 मेगावाट ही है।

इस बीच प्रमुख विपक्षी दल भाजपा बिजली संकट को लेकर सरकार पर हमलावर है। रांची के सांसद संजय सेठ ने कैंडल की रोशनी में प्रेस कांफ्रेंस कर राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि बिजली की कमी से राज्य में उद्योग-धंधे दम तोड़ रहे हैं और सरकार बेफिक्र बैठी है। भाजपा विधायक दल के नेता और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने भी बिजली संकट के लिए सीधे सीएम हेमंत सोरेन को जिम्मेदार ठहराया है। (आईएएनएस)

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