रांची। हेमंत सरकार के 29 दिसंबर को 2 साल पूरे हो जाएंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्रकारवार्ता में उनकी सरकार के कामकाज के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उनके 2 साल के कार्यकाल में झारखंड विकास के रास्ते पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से 19 तक राज्य में भय, अशांति और डर का वातावरण था, लेकिन अब कोई ऐसी बात नहीं हैं और यह सब समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि अंतिम व्यक्ति तक के लिए सरकार खड़ी है। Two years of Hemant government
सोरेन ने कहा कि 29 दिसंबर 2019 को सफर की शुरुआत करने के साथ ही कई चुनौतियां सामने आ गयी, पूरे देश के साथ झारखंड में भी कोविड-19 ने दस्तक दी। यह मुश्किलों का वक्त था, किसान, गरीब और अत्यंत मध्यमवर्ग के लिए यह सबसे कठिन दौर रहा, क्योंकि संपन्न और उच्च आय वर्ग के लोगों के लिए तो 8-10 महीने तक जीविका चलाने में कोई खास मुश्किल की बात नहीं थी, लेकिन किसान-मजदूरों के लिए यह काफी मुश्किल था, राज्य सरकार ने ऐसे सभी परिवारों को राहत देने के लिए शहर से लेकर गांव तक के लिए योजना की शुरुआत की और रोजगार के साथ ही खाद्य सामग्री और अन्य सहायता उपलब्ध करायी गयी।
उन्होंने कहा कि जीवन जब तेजी से सामान्य हो रहा था और सरकार छोटे बच्चों के लिए स्कूल खोलने पर विचार कर रही थी तभी कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर की आहट से सरकार अब स्थिति से निपटने की तैयारी में जुट गयी हैं।
Read also महाराष्ट्र विधान सभा में कोरोना की घुसपैठ, मंत्रियों-विधायक समेत 55 लोग पाए गए संक्रमित
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहले हेडर्क्वाटर से सरकार चलती थी, लेकिन अब मुख्यालय की जगह गांव से सरकार का संचालन हो रहा हैं, सभी अधिकारी, मंत्री और विधायकगण प्रखंड, जिला और गांवों में जाकर लोगों की समस्याओं के समाधान के प्रयास में जुटे, आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के तहत लगभग 30 से 35 लाख आवेदन आये, जिसमें से 20 से 25 लाख आवेदनों का निष्पादन कर दिया गया है और अन्य पर कार्रवाई चल रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटन, स्पोर्ट्स और अन्य क्षेत्रों के लिए जो नीति बनायी है, उसका प्रभाव आने वाले 30 सालों तक दिखेगा।
उन्होंने कहा कि अभी राज्य सरकार निजी क्षेत्र में चलने वाले प्राईवेट स्कूलों की तर्ज पर बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा दिलाने के लिए प्रखंड मुख्यालयों में स्कूल खोल रही है, पहले चरण में 80 स्कूल खोले जाएंगे, जबकि मॉडल स्कूल में भी आधारभूत संरचना को बढ़ाया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में पेंशन योजना का लाभ दिलाने के नाम पर दलाल पांच-छह हजार रुपये खा जाते थे, लेकिन अब राज्य सरकार ने सभी जरुरतमंद लोगों को पेंशन देने का निर्णय लिया है, राज्य में 70 से 75 लाख लोगों को सीधे पेंशन मिलेगा।
सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना काल में गरीब, किसान, मजदूरों के लिए जो काम किया, वह मिल का पत्थर साबित हुआ, गरीबों को तन ढकने के लिए सरकार की ओर से धोती-साड़ी योजना की भी शुरुआत की गयी।
मॉब लिचिंग पर भाजपा के विरोध पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कठोर कानून बनाने का काम किया है, यह हिन्दू-मुसलमान या आदिवासी को देखकर कानून नहीं बनाया गया है, बल्कि किसी भी तरह की मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर अंकुश को लेकर यह कानून बनाने का काम किया गया है। भाजपा राजनीतिक षड्यंत्र के तहत इसका विरोध कर रही है, उन्हें यह डर सता रहा है कि इस कानून के बन जाने से अब उनका राजनीतिक मकसद पूरा नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा को पहचानना मुश्किल है, भाजपा के लोग काफी शातिर और चतुर है, वे किस रूप में आकर लोगों को बरगलाने का काम करेंगे, यह कहना मुश्किल है, लेकिन झारखंड में उनकी दाल गलने वाली नहीं हैं।
हेमंत सरकार के दो साल: मुख्यमंत्री ने बताया कितना बदला झारखंड
और पढ़ें
-
केजरीवाल पर नेता चुनने का दबाव
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली का राज चलाने के लिए नया...
-
अखिलेश व आजम का विवाद कितना सही
समाजवादी पार्टी में नए और पुराने नेताओं की बहस लगभग समाप्त हो गई है। पुराने नेताओं में अब सिर्फ आजम...
-
महुआ मोइत्रा क्या चुनाव के बीच गिरफ्तार होंगी?
पूर्व सांसद और पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ रही हैं।...
-
ममता कांग्रेस के खिलाफ और केजरीवाल के साथ
इस बात की चर्चा बहुत दिन से होती है कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अंदर एक उप समूह है, जो...