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Lakhimpur Kheri Violence : ओवौसी ने यूपी प्रशासन पर कसा तंज, कहा- 12 घंटे में 10 बार नाश्ता, जेल गया है या ससुराल...

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Lakhimpur Kheri Violence : ओवौसी ने यूपी प्रशासन पर कसा तंज, कहा- 12 घंटे में 10 बार नाश्ता, जेल गया है या ससुराल...
नई दिल्ली | Lakhimpur Kheri Violence Owaisi : लखीमपुर खीरी मामले में भारतीय जनता पार्टी पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद भी विपक्ष भाजपा को छोड़ने के मूड में नहीं दिख रहा है.AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी शुरुआती दौर से ही बीजेपी को घेरने में लगे हुए हैं. अब एक बार फिर से ओवैसी ने भाजपा के खिलाफ खुलकर जहर उगला है. ओवैसी का कहना है कि लखीमपुर खीरी में हुए हिंसा को किसी भी तौर पर एक घटना नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा कि मैं इस बात को मान ही नहीं सकता कि ऊपर की इजाजत के बिना यह सब कुछ हुआ है. ओवैसी का कहना है कि मासूम से किसानों को गाड़ी के नीचे रौंद दिया गया, यह कोई सामान्य बात नहीं थी. उन्होंने कहा कि यह किसी भी तौर पर इंपल्सिव रिएक्शन नहीं कहा जा सकता जाहिर सी बात है इसके लिए पूरी तैयारी की गई होगी.

12 घंटे में 10 बार नाश्ता..

Lakhimpur Kheri Violence Owaisi : आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी पर भी ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. ओवैसी ने कहा कि यह सब कुछ केंद्रीय मंत्री के भाषण के बाद हुआ और पुलिस को कार्रवाई करने में इतना वक्त लग गया. जनता को सब समझ आता है कि आखिर पुलिस किस को बचाना चाहती है और क्यों. ओवैसी ने कहा कि यूपी पुलिस ने आशीष मिश्रा को 12 घंटों की पूछताछ में 10 बार नाश्ता कराया. ऐसा लग रहा था कि आशीष जेल नहीं बल्कि अपने ससुराल गया है. उन्होंने कहा कि भाजपा लगातार आशीष मिश्रा को बचाने की कोशिश कर रही है. इसे भी पढ़ें - T20 World Cup Pakistan: ‘क्वारंटीन’ में ऐसे समय काट रहे हैं पाकिस्तानी खिलाड़ी, वायरल हुआ वीडियो…

मुआवजे पर भी खड़े किए सवाल

Lakhimpur Kheri Violence Owaisi : बता दें कि लखीमपुर हिंसा में मारे गए लोगों के लिए योगी सरकार ने 45 45 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर दिए हैं. इसके साथ ही योगी सरकार ने मृतक परिवारों में से एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया है. मुआवजे की राशि पर ओवैसी ने तंज कसते हुए कहा कि क्या एक इंसान की मौत की कीमत ₹4500000 है, ऐसे लोगों को शर्म करनी चाहिए. देश की न्याय व्यवस्था को इस पर भी विचार करना चाहिए कि मुआवजा अपनी जगह है लेकिन पीड़ितों को न्याय मिले. इसे भी पढ़ें-असम : केंद्रीय कारागार में 4 महिलाओं समेत 85 कैदी AIDS से संक्रमित, स्वास्थ्य विभाग ने बताया ये कारण..
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