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लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सोशल मीडिया के खतरों से किया आगाह

ByNI Desk,
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लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सोशल मीडिया के खतरों से किया आगाह
ओटावा/ कनाडा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इंटरनेट और सोशल नेटवर्किं ग साइट्स के आने से लोगों के संसद से जुड़ने के तौर-तरीकों में नए परिवर्तन आए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के खतरों से भी आगाह किया। बिरला ने कहा कि इंटरनेट का विकास संसदों के लिए वरदान साबित हुआ है, क्योंकि डिजिटल टेक्नोलॉजी ने उन्हें और आधुनिक बनाया है। इनके कारण सदस्य विधायी कार्यो पर लगातार नजर रखने में सफल हो पा रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के खतरों की तरफ भी आगाह करते हुए इसकी निगरानी के लिए सख्त नियम-कायदे लागू करने की भी जरूरत बताई। उन्होंने दुनियाभर में चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर प्रतिबंध लगाए जाने की अपील की। यहां कनाडा की राजधानी में आयोजित राष्ट्रमंडल देशों के संसद अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों के 25वें सम्मेलन (सीएसपीओसी) में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए ओम बिरला ने 'संसदीय और अन्य संदर्भो में व्यक्तियों की सुरक्षा' विषय पर आयोजित कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भारतीय संसद की सक्रिय वेबसाइट हैं, जिन पर विधायी कार्यवाहियों, सवाल-जवाब, वाद-विवाद, विधेयकों, सदस्यों, संसदीय समिति के प्रतिवेदनों आदि के बारे में व्यापक जानकारी उपलब्ध रहती है। इसके अलावा, ई-संसद और ई-विधान के विकास से सदस्यों की कार्यकुशलता और बढ़ गई है।
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लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, "सोशल मीडिया ने क्षेत्रीय सीमाओं की बाधाओं को खत्म कर दिया है और दुनियाभर में संसदों और लोगों को एक साथ जोड़ा है। सोशल नेटवर्किं ग से सुशासन को बढ़ावा मिलने से भ्रष्टाचार को उजागर करने और सरकारों द्वारा सत्ता के दुरुपयोग को काबू करने में मदद मिलती है। डिजिटल साधनों ने न केवल संसदीय गतिवधियों और दस्तावेजों तक आम जनता की पहुंच बढ़ाई है, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही में भी वृद्धि की है, जिससे सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही जन सेवाओं तक बेहतर पहुंच भी सुनिश्चित हुई है। ओम बिरला ने साइबर स्पेस के दुरुपयोग के खतरों की तरफ भी आगाह किया। उन्होंने कहा, जहां एक ओर इसने लोगों को सशक्त बनाया है, वहीं दूसरी ओर इसने साइबर अपराध से निपटने की चुनौतियां भी पेश की हैं।
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सोशल मीडिया समाज के लिए कुछ गंभीर चुनौतियां भी प्रस्तुत करता है, जैसे साइबर बुलिंग, हैकिंग एडिक्शन, धोखाधड़ी, सुरक्षा संबंधी मुद्दे। बिरला ने कहा कि अपराधी का अपनी पहचान छिपाने में सफल हो जाना और इसका सीमाओं से परे होना चिंता का विषय है। आतंकवादी और अपराधी इसके जरिए आंकड़ों की चोरी करने के साथ गलत इरादों के लिए सॉफ्टवेयर बनाने में सफल हो रहे हैं, इसीलिए आतंकवादियों और अपराधियों द्वारा इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए विश्वसनीय साइबर सुरक्षा विनियमन की जरूरत हो गई है। लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि भारत में बालकों के यौन उत्पीड़न को खत्म करने के लिए मौजूद कानूनों में कई परिवर्तन किए जा रहे हैं, ताकि ऐसे अपराधियों को कड़ा दंड मिल सके। इसके अलावा, चाइल्ड पोर्नोग्राफी को भी दंडनीय बनाया गया है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर वैश्विक प्रतिबंध लगाए जाने के लिए सहमति बनाने की भी अपील की।
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