मध्य प्रदेश

राज्यसभा: दावेदारों की दिल्ली दस्तक

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राज्यसभा: दावेदारों की दिल्ली दस्तक
भोपाल। वैसे तो भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व किसी भी पद के लिए जिस तरह के चौकाने वाले निर्णय लेता है उसके लिए ना तो दावेदारों को लाबिंग करने की जरूरत है और ना ही किसी प्रकार की दौड़ में शामिल होने की बावजूद इसके प्रदेश की एक राज्यसभा सीट के लिए दर्जनों की दावेदारी है और यह दावेदार दिल्ली में जो भी संपर्क सूत्र है उनसे संपर्क साध रहे हैं क्योंकि निर्णय पार्टी हाईकमान को ही लेना है। Rajyasabha seat madhya pradesh दरअसल केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत जब से कर्नाटक के राज्यपाल बने हैं तब से ही प्रदेश की राज्यसभा की एक सीट खाली हो गई और तभी से ही खाली सीट पर नेताओं की निगाहें लगी हुई है। अलग-अलग अंचल से अलग-अलग जाति वर्ग से ढंग से तर्क दिए जा रहे हैं लेकिन पार्टी हाईकमान का अलग ही गुणा - भाग बहुत पहले से तय हो चुका होता है। वहां अब कोई क्राइटेरिया नहीं है जिसके आधार पर संभावनाएं व्यक्त की जा सके। खासकर जब से गुजरात में पहली बार के विधायक भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया है तबसे पार्टी के अंदर खाने में यही चर्चा है कि कभी भी कुछ भी हो सकता है। यदि कोई अपने पद के लिए निश्चिंत नहीं है तो अब कोई निराश भी नहीं है किसी की भी कभी भी लाटरी खुल सकती है यही कारण है कि राज्यसभा की एक सीट के लिए दर्जनों दावेदार सामने आ गए हैं। parliament Read also डरावना होता डेंगू का डंक और अनलाक होते स्कूल बहरहाल, देश के पांच राज्यों से राज्यसभा सीटों के लिए 23 सितंबर से नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे और आवश्यकता पड़ने पर 4 अक्टूबर को मतदान होगा। इसमें से 1 सीट थावरचंद गहलोत के राज्यपाल बन जाने के बाद मध्य प्रदेश से भी खाली हो गई है। इस सीट से जो भी सदस्य चुना जाएगा उसका कार्यकाल 2 अप्रैल 24 तक रहेगा चूकि प्रदेश में बहुमत भाजपा का है इस कारण भाजपा खेमे से ही दावेदारियां हो रही हैं। कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने शायद इसी कारण स्पष्ट कह दिया है। पार्टी राज्यसभा की एक सीट के लिए उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारेगी। जहां तक भाजपा की बात है थावरचंद गहलोत अनुसूचित जाति वर्ग से थे। इस कारण इस वर्ग के दावेदार उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उनके वर्ग से ही राज्यसभा में किसी को भेजा जाएगा। यहां तक की इस वर्ग में भी कोरी समाज की ओर से दावेदारी जताई जा रही है। समाज का कहना है कि स्वतंत्रता के बाद से आज तक कोई भी पूरी समाज का व्यक्ति राज्यसभा लोकसभा में नहीं भेजा गया है जबकि कोरी समाज की प्रदेश में 40 लाख के आसपास जनसंख्या है और यह बताएं जनसंख्या भारतीय जनता पार्टी के प्रति समर्पित रहती है। समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि राज्यसभा सदस्य के रूप में प्रदेश से जाटव समाज से सत्यनारायण जटिया भिंड सांसद बलाई समाज से थावरचंद गहलोत धानक समाज से नारायण सिंह केसरी खटीक समाज से टीकमगढ़ सांसद केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक एवं उज्जैन सांसद हैं। बलाई समाज से देवास सांसद हैं जबकि कोरी समाज से आज तक राज्यसभा या लोकसभा में अवसर नहीं दिया गया है इस कारण इस बार पूरी समाज से ही किसी को राज्यसभा में भेजा जाना चाहिए। अनुसूचित जाति वर्ग के अलावा अन्य वर्गों से भी नाम सामने आ रहे हैं यह भी हो सकता है कि प्रदेश से बाहर से कोई नाम आ जाए क्योंकि केंद्रीय मंत्रिमंडल में 2 सदस्य से हैं जो किसी भी सदन के सदस्य नहीं है हालांकि पूरे देश में 6 जगह से राज्यसभा के लिए भेजा जाना है। इसलिए मध्य प्रदेश की एक सीट से प्रदेश के किसी नेता को मौका दिया जाएगा प्रदेश के कोट से पहले ही एमजे अकबर और धर्मेंद्र प्रधान को राज्यसभा में भेजा जा चुका है। कुल मिलाकर प्रदेश की एक राज्य सभा सीट के लिए दर्जनों नामों की चर्चा है। जिनमें प्रमुख रूप से प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, कृष्ण मुरारी मोघे, जय भान सिंह पवैया, अरविंद मेनन, लाल सिंह आर्य, नारायण प्रसाद कबीरपंथी, कैलाश जाटव, महेश कोरी, ओम प्रकाश धुर्वे, सत्यनारायण जटिया शामिल है लेकिन जिस तरह से पार्टी हाईकमान एक के बाद एक चौंकाने वाले ले रहे हैं उसमें किसी की भी संभावना व्यक्त करना काफी मुश्किल है कुछ दावेदारों में जरूर दिल्ली में दस्तक देना शुरू कर दिया है
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