
भोपाल। चित्रकूट में विशाल हिंदू एकता महाकुंभ में साधु-संतों की उपस्थिति हिंदू समाज के सभी लोगों के लिए प्रभावित कर रही है और चाहे पंथ अनेक हो सब हिंदू एक हो का नारा बुलंद कर रही है।
दरअसल, मंदाकिनी नदी के किनारे भगवान श्री राम की संकल्प भूमि चित्रकूट इस समय धर्म जाओ से सजी हुई है। महाकुंभ स्थल पर साधु-संतों और धर्माचार्यों के एक से एक चेहरे दिखाई दे रहे हैं। बुधवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा देश के विभिन्न धर्माचार्य पीठाधीश्वर शंकराचार्य और हिंदुत्व विचारधारा के प्रमुख वक्ता एक मंच पर थे और सभी ने सभी हिंदू बंधुओं को साथ लाने की चर्चा की लगभग 12 प्रमुख मुद्दों पर मंथन शुरू हुआ जो कि हिंदुओं से जुड़े मुद्दे थे। महाकुंभ में लगभग 5,00,000 लोगों के शामिल होने का इंतजाम किया गया है। तुलसी पीठ की तरफ से आयोजित महाकुंभ की अध्यक्षता जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य कर रहे है।
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इस समागम में महाराज मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र जी, स्वामी चिदानंद मुनि महाराज, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद, आचार्य बालकृष्ण, योग गुरु बाबा रामदेव, श्री श्री रवी शंकर, गुरु कृष्ण महाराज से लेकर दक्षिण भारत के रामानुजाचार्य चिन्ना जियर स्वामी पेजावर मठ के प्रमुख विश्व प्रसन्न तीर्थ तथा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से जुड़े पदाधिकारी भी शामिल हों हो रहे हैं।
इस हिंदू समागम को सफल बनाने के लिए संघ ने पूरी ताकत झोंक दी है। इसके माध्यम से संघ जहां विन्ध्य, बुंदेलखंड और महाकौशल क्षेत्र में मैदानी पकड़ मजबूत करेगा। वहीं उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा के आम चुनाव में हिंदू एकता को बल देगा। इस समागम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पहुंचेंगे। इसके अलावा कुमार विश्वास, मनोज तिवारी, मालिनी अवस्थी, ऋतंभरा को भी आमंत्रित किया गया है।
कुल मिलाकर भले ही सीधे तौर पर भाजपा या संघ इस महासंगम का आयोजक नहीं हो लेकिन जिस तरह से यह आयोजन हो रहा है। उससे दलित और आदिवासी समाज को जोड़ने का माध्यम जरूर बन रहा है क्योंकि प्रसिद्ध और श्रेष्ठ संतो का समागम संपूर्ण हिंदू समाज के लिए आकर्षित कर रहा है।