
भोपाल। अक्सर अपने बयानों से सुर्खियों में बने रहने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने कहा कि वे कभी हिंदू विरोधी नहीं थे। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की कोई चिंता नहीं कि कोई उन्हें हिंदू विरोधी (Anti Hindu) कहता है। उन्होंने दावा किया कि वे न कभी हिंदू विरोधी थे और न कभी होंगे। उन्होंने धर्म को आस्था का विषय बताया जिसे राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने संघ पर भी हमला बोलते हुए कहा कि संघ का काम कटुता फैलाने वाला है। anti Hindu Digvijay singh
हिंदुत्व शब्द का हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं
इस दौरान उन्होंने विनायक दामोदर सावरकर (Savarkar) पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने अपनी किताब में भी लिखा है कि हिंदुत्व शब्द का हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं। उन्होंने दावा किया कि हिंदुत्व (Hindutava) शब्द केवल राजनीतिक पहचान के लिए ईजाद किया गया है।
श्री सिंह आज अपने निवास पर संवाददाताओं से चर्चा कर रहे थे। इस चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि वे सनातन धर्म का पालन करने वाले परिवार से हैं और स्वयं भी सनातन धर्म का पालन करते हैं, लेकिन उनकी छवि हिंदू विरोधी बन रही है, इसलिए उन्होंने आज स्वामी विवेकानंद जयंती के दिन को इस विषय पर बात करने के लिए चुना है।
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उन्होंने कहा कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने उन्हें जनसंघ में शामिल होने का निमंत्रण दिया था, लेकिन उसी दौरान उन्होंने संघ के विचारों के साथ गांधी-नेहरू के विचारों का भी अध्ययन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि संघ का काम करने का तरीका कटुता फैलाने वाला था, जो उन्हें पसंद नहीं आया और इसलिए उन्होंने संघ की विचारधारा को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म सबको समानता से देखता आया है। धर्म का उपयोग राजनीतिक हथियार के तौर पर नहीं किया जाना चाहिए।
हिंदुत्व सनातन धर्म की परंपरा के खिलाफ
सिंह ने दावा किया कि हिंदुत्व शब्द किसी भी जगह नहीं मिलता, केवल राजनीतिक पहचान के लिए ये शब्द ईजाद किया गया है। उन्होंने दावा किया कि विनायक दामोदर सावरकर ने खुद की किताब में लिखा है कि इस शब्द का हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। हिंदुत्व सनातन धर्म की परंपरा के खिलाफ है।