भोपाल। नवंबर के अंतिम सप्ताह में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) से भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) गुजरने के बाद राज्य विधानसभा चुनाव में करीब एक साल का समय बचा है। इसलिए राज्य कांग्रेस (Congress) नेतृत्व अपने चुनाव अभियान को शुरू करने के अवसर का उपयोग करने के लिए पूरी तरह तैयार है। हालांकि भारत जोड़ी यात्रा सिर्फ सात जिलों (लगभग 66 विधानसभा सीटों) को कवर करेगी, पार्टी की राज्य इकाई ने सभी 230 विधानसभा सीटों पर इस यात्रा की उपस्थिति दर्ज कराने की योजना बनाई है। पार्टी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से 17 सहायक या उप-यात्रा शुरू करने का फैसला किया है, जो एक बिंदु पर बुरहानपुर में भारत जोड़ो यात्रा के साथ विलय हो जाएगी। ये 17 सहायक यात्राएं 35 दिनों में कुल 6,440 किमी की दूरी तय करेंगी। प्रत्येक जिले और प्रखंड से यात्राएं इस बात को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ेंगी कि सभी 17 यात्राएं भारत जोड़ो यात्रा में विलय के लिए एक ही समय पर बुरहानपुर पहुंचेंगी।
यात्राएं एक से दूसरे जिले में आगे बढ़ेंगी, और अग्रणी यात्रा ‘भारत के संविधान’ को ले जाएगी, जिसे दूसरे जिले में यात्रा का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति को सौंप दिया जाएगा। वे रास्ते में हर गांव से मिट्टी और रास्ते में हर छोटी-बड़ी नदी का पानी भी ले जाएंगे। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक इन उप-यात्राओं की रणनीति इस तरह से बनाई गई है कि नवंबर-दिसंबर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में यह भारी असर डाल सके। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले दो चुनावी रैलियों को संबोधित किया था, जबकि भारत जोड़ो यात्रा 60 से अधिक विधानसभा सीटों को कवर करेगी, इस दौरान वह लोगों से बातचीत करेंगे। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का मुख्य उद्देश्य दशकों पुराने लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए सभी वर्गों, जातियों, धर्मो के लोगों को एकजुट करना है, जिसके लिए लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है। जिस तरह से लोग भारत जोड़ी यात्रा का समर्थन कर रहे हैं, यह दर्शाता है कि लोग भाजपा शासन से तंग आ चुके हैं।
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लोगों ने कांग्रेस को जनादेश दिया था क्योंकि वे भाजपा सरकार के झूठे वादों से तंग आ चुके थे। पूर्व मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख पदाधिकारियों में से एक चंद्रप्रभा शेखर ने कहा अगर भाजपा ने 2020 में कांग्रेस सरकार के खिलाफ फिर से सत्ता हासिल करने की साजिश रची, तो यह जनादेश का अनादर था। 2023 के चुनाव में जनता जवाब देगी। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कांग्रेस इकाई ने दावा किया कि भारत जोड़ो यात्रा राज्य में विधानसभा चुनावों में एक बड़ा प्रभाव डालेगी। जैसा कि शेखर ने समझाया, ‘घर घर चलो’ जैसे अभियान ने पार्टी के कैडर को निचले स्तर पर सक्रिय कर दिया था। नगर निगम चुनाव (Municipal Election) में इसके सकारात्मक परिणाम मिले। शेखर ने कहा कि इस यात्रा को जन आंदोलन बनाना हर कांग्रेस कार्यकर्ता का एकमात्र उद्देश्य बन गया है। कांग्रेस ने दावा किया कि नगर निगम चुनाव के परिणाम सेमीफाइनल थे और लोगों ने भाजपा को कड़ा जवाब दिया है, खासकर उन लोगों ने जो पार्टी के साथ विश्वासघात महसूस कर रहे हैं। कांग्रेस ने ग्वालियर और मुरैना सहित मेयर की पांच सीटें जीतीं, जबकि मेयर के दो उम्मीदवार 500 से कम मतों के अंतर से चुनाव हार गए। सत्तारूढ़ भाजपा, जिसमें सभी 18 मेयर पद थे, केवल नौ नगर निगमों तक ही सीमित थी।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता जितेंद्र मिश्रा ने कहा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) के नेतृत्व में पार्टी पहले से ही सक्रिय थी और दो चुनावों (2018 में विधानसभा चुनाव और 2022 में शहरी निकाय चुनाव) के परिणाम एक स्पष्ट उदाहरण हैं। लेकिन, अगर यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की उपस्थिति में एक जन आंदोलन बन जाता है, तो यह विशेष रूप से निचले स्तर पर पार्टी के कैडर के लिए ऊर्जा बूस्टर के रूप में काम करेगा। हालांकि, राज्य के भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के दावों का खंडन करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा उन लोगों के लिए एक मंच बन गई है जो अक्सर देश के खिलाफ बोलते हैं और सार्वजनिक रैलियों में पाकिस्तान के नारे लगाते हैं। मध्य प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा मुझे नहीं लगता कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारत जोड़ो यात्रा का कोई असर पड़ेगा, क्योंकि उन्होंने पहले भी राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का नेतृत्व देखा है। वे हर दिन अपनी योजना में बदलाव कर रहे हैं, जो दर्शाता है कि वे अभी भी भ्रमित हैं। (आईएएनएस)